पूज्यश्री का नाम | प्रज्ञायोगी दिगम्बर जैनाचार्य श्री गुप्तिनंदीजी महाराज |
ग्रहस्थावस्था का नाम | ब्र राजेंद्र |
जन्मस्थान | भोपाल (मध्य प्रदेश) |
जन्मतिथि व दिनांक | श्रावण कृष्णा सप्तमी (१ अगस्त १९७२) |
जाति | परवार दिगम्बर जैन |
गोत्र | कौशल |
माता का नाम | त्रिवेणी बाई (वर्त्तमान क्षुल्लिका धन्यश्री माताजी) |
पिता का नाम | स्व. श्री कोमलचंदजी |
लौकिक शिक्षा | बी.कॉम |
दो प्रतिमा व्रत | आचार्य श्री सन्मतिसागरजी महाराज (‘विद्याभूषण जी’) |
मुनि दीक्षा तिथि ,दिनांक व स्थान | २२-०७-१९९१, रोहतक (हरियाणा) |
मुनि दीक्षा गुरु | गणाधिपति गणधराचार्य श्री कुंथुसागरजी गुरुदेव |
आचार्य पदारोहण तिथि व स्थान | श्रुतपंचमी २७ मई २००१, गोम्मटगिरि इंदौर |
साहित्यक कृतित्व | बृहद रत्नत्रय विधान, नवग्रह शांति विधान आदि अनेक पूजन विधान,चालीसा, काव्यसंग्रह |
उपाधि | आर्ष मार्ग संरक्षक, महाकवि, धर्मक्रांतिसूर्य, प्रज्ञायोगी ज्ञानदीवाकर आदि |
अन्य जानकारी | अंजनगिरि तीर्थ जिर्णोद्धार, बच्चो का भाग्योदय संस्कार,धर्म तीर्थ प्रणेता |
संघस्थ साधुगण | # मुनि श्री सुयशगुप्तजी महाराज # मुनि श्री चंद्रगुप्तजी महाराज # आर्यिका श्री आस्थाश्री माताजी # आर्यिका सुनिधिमती माताजी # आर्यिका सुनितिमती माताजी # क्षुल्लिका धन्यश्री माताजी |
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