[[श्रेणी:विक्रियाऋद्धि]] जिस क्रिया से अपना रूप परिवर्तन कर सके”मनुष्य और देवता विक्रिया से अपना शरीर छोटा या बड़ा बनाते है”जैसे-विष्णु कुमार मुनि ने वामन का रूप धारण कर अकंपनाचार्य आदि सातसोेै मुनियों का उपसर्ग दूर किया था”तभी से रक्षा बंधन पर्व चला आ रहा है” स्वाभाविक रूप से वैक्रियक शरीर तो देव और नारकियो को तो होता ही है किन्तु मनुष्यो में यह तपस्या के द्वारा यह प्राप्त होता है उसे वैक्रिया ऋद्धि कहेते है”