आदिनाथ भगवान २४ तीर्थंकर में से प्रथम तीर्थंकर है”आदिनाथ भगवान ने 1 वर्ष 39 दिन का [[योग निरोध]] लिया था” 1 वर्ष 39 दिन के पश्चात हस्तिनापुर के [[श्रेयांस]] रानी [[सोमप्रभ]] के द्वारा विधि मिलने पर पड़गाहन हुवा” राजा श्रेयांस रानी सोमप्रभ ने प्रथम आहार इक्षु रस का दिया” तभी से यह [[अक्षय तृतीया]] पर्व मनाया जाता है”