तपते सूरज की गर्मी से दग्ध तन — मन वर्षा की रिमझिम फुहारों से सराबोर हो खिल उठता है। हर तरफ छाई हरियाली जीवन में नई आशा, उत्साह का संचार करती है। छम—छम बरसती बूँदों के बीच मिट्टी की सौंधी—सौंधी मादक गंध आत्मसात करते हुए संगी साथी के साथ गर्मा—गर्म पकौडों का लुत्फ उठाने में जो आनंद प्राप्त होता है, उसको बयान कर पाना मुश्किल है। सुख और दुख का चोली—दामन का साथ है, उसी तरह बारिश के इस मजे के साथ—साथ इस हसीन रुत की परेशानियाँ भी कम नहीं है, खासतौर पर रोजाना घर से बाहर जाने वाली महिलाओं के लिए बीच सड़क भीगने का डर, गाड़ी फंस जाने का डर, मेकअप के मॉडर्न आर्ट में बदलने का डर और न जाने कितने ही और डर, झंझटें , मुसीबतें। बारिश की वजह से आप अपने काम तो नहीं छोड़ सकती। हम देते हैं आपको कुछ ऐसे टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप इस मौसम की परेशानियों का आसानी से मुकाबला कर पाएँगे। # बारिश का हल्का—सा अंदेशा होने पर कभी भी बिना रेनकोट या छतरी के घर से नहीं निकलिए।
# सिल्क , कॉटन या जरी की साड़ी नहीं पहनें, सिंथेटिक साड़ियाँ पहनिए। भीग जाने पर ये जल्दी सूखेंगी व खराब भी नहीं होंगी।
# तरल बिंदी न लगाकर वेल्वेट की बिंदी लगाएँ ।
# लेदर की सैंडल, चप्पल भूलकर भी नहीं पहनें। आजकल अनेक खूबसूरत रंगों व डिजाइनों में प्लास्टिक की बैलीज व चप्पलें बाजार में उपलब्ध है और वे अधिक महँगी भी नहीं है।
# अगर आप गाड़ी चलाती हैं तो बिना कैप के बाहर नहीं जाएँ।
# शार्टकट के मोह में पड़कर कच्चे रास्ते का प्रयोग नहीं करें। दूर से सूखी दिखने वाली जमीन पर आपके पैर या गाड़ी धँस सकती हैं। ऐसे में चप्पल टूटने पर आप परेशानी में पड़ जाएँगे। अगर गाड़ी के पहिए जाम हो गए तो उसे थोड़ी दूर घसीटना भी आपको भारी पड़ जाएगा।
# अगर आप कामकाजी महिला हैं तो एक जोड़ी कपड़े अपनी दफ्तर की अलमारी , लॉकर में रखना एक बेहद सुरक्षित , सरल और कारगर उपाय साबित होगा। इससे आप भीगे कपडों में दफ्तर में बैठने की समस्या से बच जाएगी।
# अपने बैग में एक पोलिथिन, प्लास्टिक का कैरी बैग, एक छोटा नेपकिन, बिंदी का पत्ता, कंघा आदि अवश्य रखें।
# बारिश के दिनों में शाम जल्दी घिरती है और बिजली का भी ठिकाना नहीं रहता। इसलिए कोशिश करें कि इस वक्त तक आप घर पहुँच जाएँ, ताकि किसी अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।
# अगर आपको गाड़ी चलाने में दक्षता प्राप्त नहीं है तो बारिश के दिनों में गाड़ी का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दीजिए क्योंकि गीली सड़क और चेहरे से टकराता पानी ड्राइविंग को मुश्किल बना देता है। अनाड़ी वाहन चालक के लिए दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
# झीने पारदर्शी और बदन से चिपके कपड़े नहीं पहनें।
# भीगने से बचने के चक्कर में किसी भी अनजान व्यक्ति से लिफ्ट न लें।
# फोल्डिंग छतरी का इस्तेमाल करती हों तो उसे हमेशा दुरूस्त रखें । ऐसा न हो कि उसे खोलने में आपको इतना समय लग जाए कि आप बारिश में तर हो जाएँ।
# उसी रास्ते से आएँ—जाएँ जो आपके लिए सुपरिचित हों क्योंकि बारिश के दिनों में गड्ढे, नाली, सड़क सब एक हो जाते हैं, परिचित रास्ते पर आते—जाते कहाँ गड्ढा है और कहाँ समतल, इसका आपको बखूबी अंदाजा हो जाता है, इसलिए खतरा कम हो जाता है ।
# बारिश के मौसम में काफी तेज तूफानी हवाओं का सामना भी करना पड़ता है। अत: साडी का पल्लू , दुपट्टा पिन—अप करें।
# बारिश के साथ—साथ अंधड़ भी चल रही हो तो पेड़ के नीचे शरण नहीं लीजिए, इसमें खतरा है।
# अगर घर लौटते—लौटते रात हो जाती है तो पर्स में शक्तिशाली पेंसिल टॉर्च रखना न भूलें।
# ऊँची एड़ी की सैंडिल न पहनें।
# अगर चश्मा लगाती हों तो उसे पानी की बूंदों से धुंधला न होने दें । उसे साफ करने के लिए एक अलग कॉटन का रूमाल या स्वच्छ मलमल का टुकड़ा रखें ।
# चारों ओर फैली हरीतिमा के बीच नारंगी, सुआपंखी, जामुनी, आसमानी रंग खासतौर पर खिलते हैं। इन रंगों के परिधान धारण कर आप भी आकर्षक लगेंगी और सब देखते ही रह जाएँगे।