रसभरी एक ऐसा फल है जो जंगली घास के बीच अपने आप ही उग जाता है। इसकी खेती करने की जरूरत नहीं पड़ती है। रसभरी औषधीय गुणों से भरपूर है। यह खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यह फल औषधीय गुणों से भरपूर है | रसभरी शरीर में वसा को कम करने वाले हार्मोन को सक्रिय करती है | इसके फायदों पर डालें एक नजर- हड्डियां: अगर आप हड्डियों से जुड़ी समस्या से परेशान हैं तो रसभरी आपकी मदद कर सकती है। इसमें पेक्टिन होता है जो शरीर में कैल्शियम और फॉस्फॉरस की सही मात्रा बनाए रखता है। लिवर और किडनी: फाइब्रोसिस, ऐसा रोग है जिसमें लिवर व किडनी में रेशे पनप जाते हैं। शोध से साबित हुआ है कि रसभरी का उपयोग न केवल इन रोगों से लड़ता है बल्कि इनसे बचाता भी है। ऐंटीऑक्सिडेंट: रसभरी का उपयोग लिवर के रोगों में, मलेरिया, अस्थमा, त्वचा रोग में किया जाता है। शोध प्रमाणित करते हैं कि रसभरी में ऐंटीऑक्सिडेंटस होने के कारण ही इन बीमारियों से लड़ने में इसका इस्तेमाल होता है। आर्थराइटिस: नियासिन या विटमिन B3 खून को हर अंग में ले जाने में मदद करता है। जब हर अंग में खून सही तरीके से पहुंचेगा तो आर्थराइटिस जैसा रोग पनपेगा ही नहीं। ऐसे में रसभरी खाने से बॉडी के हर पार्ट में खून पहुंचने में मदद मिलती है। सूजन: दक्षिण अफ्रीका में इसके पत्तों का उपयोग सूजन दूर करने के लिए किया जाता है | इसके पत्ते उबालकर सूजन पर लगाएं | ह्रदय रोग: रसभरी में विटामिन B1 जिसे थायमिन (Thiamin) कहते हैं, काफी मात्रा में मिलता है | यह विटामिन acetylcholine के निर्माण के लिए उत्तरदायी है, जो हमारी कोशिकाओं में आपसी संवाद स्थापित करने के लिए जाना जाता है | आँखों के लिए: इसे रोजाना खाने में शामिल करने से ये शरीर में 14 प्रतिशत तक विटामिन ए की आपूर्ति कर देता है | इसको खाने से आँखों से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं |