नाम एवं पता | श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ स्वामी दिगम्बर जैन संस्थान, अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ मु. पो. शिरपुर जैन, तहसील – मालेगांव, जिला-वाशिम (महाराष्ट्र) पिन – 444504 |
टेलीफोन | 07254274006, प्राचीन पवली मन्दिर 07254274309 धर्मशाला 07254-274408 (रमेश काले 09970696412) |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 10, कमरे (बिना बाथरूम) – 50 हाल- 3 (यात्री क्षमता – 300 ), यात्री ठहराने की कुल क्षमता 1000. गेस्ट हाऊस – x
भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : है |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : वाशिम – 30 कि.मी., अकोला- 60 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : मंदिर क्षेत्र से 500 फीट दूर रेल व सड़क मार्ग |
निकटतम प्रमुख नगर | वाशिम – 30 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ स्वामी दि. जैन संस्थान, शिरपुर जैन
अध्यक्ष : प्रा. राजाभाऊ चंवरे, अकोला मंत्री : श्री चन्द्रशेखर उकलकर, वाशिम (07252-232219, 09403287630) प्रबन्धक : श्री सुभाषचन्द्र तुकाराम मनाटकर (07254 274038 ) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 04
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र पर तीन प्राचीन मन्दिर हैं। एक नूतन मन्दिर है। गांव के मध्य में जो मन्दिर है उसमें श्री 1008 अंतरिक्ष पार्श्वनाथ की दिगम्बर जैन प्राचीन प्रतिमा जमीन से ऊपर (अंतरिक्ष) में विराजमान है। इसी में 16 अन्य वेदियाँ हैं। दो हेमाडपंथी मन्दिर काले पत्थर से निर्मित बगीचे में स्थित हैं। यहाँ के कुएँ के जल से स्नान करने पर कुष्ट रोग, चर्म रोग, शरीर के विकार नष्ट हो जाते हैं। यहाँ की पुरानी ईंट (पत्थर) पानी में तैरती हैं। इस मन्दिर के पास में एक नूतन पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर बना है । |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | नवागढ़ अतिशय क्षेत्र – 160 कि.मी., नेमगिरि अतिशय क्षेत्र – 95 कि.मी., भातकुली जैन सिद्धक्षेत्र – 135 कि.मी., मुक्तागिरि सिद्ध क्षेत्र – 225 कि.मी एवं कारंजा (लाड) गुरूकुल अतिशय क्षेत्र – 100 कि.मी. |