नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अडिन्दा पार्श्वनाथ ग्राम- अड़िन्दा, तहसील – वल्लभनगर, जिला- उदयपुर (राजस्थान) पिन – 313602 |
टेलीफोन | 02957-237611,237682,09950738047, 09414832519 www.adindaparshwanath.com |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 40, कमरे ( बिना बाथरूम ) – 50 हाल- 3 ( यात्री क्षमता – 400 ), गेस्ट हाऊस – x यात्री ठहराने की कुल क्षमता 1000.
भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : उदयपुर 42 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : उदियापोल बस स्टेण्ड, उदयपुर 41 कि.मी. उदयपुर से डबोक भमरासिया गेट, ( क्षेत्र का प्रवेश द्वार), मोड़ी बाठेड़ाकला अडिन्दा चित्तौड़ से मंगलवाड चौराहा, भटेवर, बांठेड़ा खुर्द, अडिन्दा |
निकटतम प्रमुख नगर | उदयपुर 40 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री दिगम्बर जैन बीसपंथ आम्नाय पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र ( धर्मार्थ एवं सेवार्थ) प्रन्यास, अडिन्दा
अध्यक्ष : श्री पूरणमल लोलावत, उदयपुर (0294-2460881, 2490081) प्रबन्धक : श्री शांतिलाल गोधा, उदयपुर (0294-2416129) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 05
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : क्षेत्र पर करीब 1500 वर्ष प्राचीन पार्श्वनाथ भगवान की अतिशय युक्त चमत्कारी प्रतिमा है। यहां पर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सन् 1960 के पश्चात् विकास का कार्य प्रारंभ हुआ। यह मन्दिर दक्षिणाभिमुखी है। पूज्य मुनि श्री कुंथूसागरजी महाराज के आशीर्वाद से भगवान आदिनाथजी की भूत, वर्तमान, भविष्यत् काल की 24-24 तीर्थकरों की जिनबिम्ब देवरिया वाक प्रतिष्ठा करवाई, पद्म सरोवर पर 21 फुट की पार्श्वनाथ प्रतिमा, मानस्तंभ, देवी पद्मावती माता एवं यंत्रों का भव्य निर्माण हुआ। सन् 1996 में सुमेरु पर्वत का निर्माण कर भगवान महावीर स्वामी की 9 फुट की पद्मासन प्रतिमा और चारों खण्डों की चार दिशाओं की देवरिया बनवाई। कई साधुओं की समाधि हैं। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | श्री केशरियाजी 100 कि.मी., देबारी पार्श्वनाथ 30 कि.मी., ध्यान डूंगरी भीण्डर 28 कि.मी., नागफणी पार्श्वनाथ – 145 कि.मी., चवलेश्वर पार्श्वनाथ- 200 कि.मी., रणकपुर- 130 कि.मी., विजोलिया पार्श्वनाथ 200 कि.मी., चाँदखेड़ी 250 कि.मी., माउन्ट आबू 225 कि.मी. |