नाम एवं पता | श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र, नवागढ़ ग्राम- नावई, पो. सोजना, तहसील- महरौनी, जिला – ललितपुर (उ.प्र.) – 284405 |
टेलीफोन | कार्यालय 09794319739, 097943 19739 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) 6, कमरे (बिना बाथरूम) – 13 हाल 1 (यात्री क्षमता – 50 ) गेस्ट हाऊस x यात्री ठहराने की कुल क्षमता 200
भोजनशाला : है, अनुरोध पर सशुल्क, विद्यालय : है, औषधालय : प्रस्तावित, पुस्तकालय : है |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : झांसी 130 कि.मी., ललितपुर 60 कि.मी., टीकमगढ़ से व्हाया डूडा 30 कि.मी..
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : सोजना मैनवार 4 कि.मी., ललितपुर, व्हाया, महरौनी, सोजना होकर नवागढ़। झांसी से टीकमगढ़ अजनौर डूंडा होकर नवागढ़ टीकमगढ़ से वाहन सेवा उपलब्ध |
निकटतम प्रमुख नगर | ललितपुर (उ.प्र.) -60 कि.मी., टीकमगढ़ (म.प्र.) – 30 कि.मी |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी, नवागढ़
अध्यक्ष : श्री सिंघई हीरालाल जैन (08959938651) मंत्री : ब्र. जयकुमार ‘निशांत’ (09425141697) प्रबन्धक : श्री सेठ दयाचन्द जैन ( 09425145675) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03, वेदी संख्या 5, मानस्तंभ 1, चरण – 26
क्षेत्र पर पहाड़ : लघु पहाड़ी ऐतिहासिकता : भगवान अरहनाथ की 12वीं सदी की प्राचीन खड्गासन 4 फुट 6 इंच उंचाई की भौंहरे में महिचंद्र पुत्र देल्हण द्वारा स्थापित अतिशयकारी मूर्ति विराजमान है। विशाल संग्रहालय में पुरातत्त्व विभाग में रजिस्टर्ड शताधिक प्राचीन संस्कृति को सुरक्षित किया गया है, जिसमें संवत् 1203 के मानस्तम्भ एवं प्रतिमाएं भी है। बहुत सी प्राचीन प्रतिमायें एवं अनेक कलात्मक सामग्री उपलब्ध है। वार्षिक मेला : प्रति वर्ष चैत्रकृष्ण अमावस्या भगवान अरहनाथ के मोक्ष कल्याणक को 3 दिन का मेला लगता है। विशेष : क्षेत्र से 3 कि.मी. दूरी पर प्राचीन गुफाएँ जो संतों की प्राचीन साधना स्थली हैं। शैलाश्रम एवं प्रागैतिहासिक शैल चित्र विशेष दर्शनीय हैं। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | अहारजी- 50 कि.मी., पपौराजी-25 कि.मी., द्रोणागिरि – 45 कि.मी., बंधाजी – 65 कि.मी., बानपुर 35 कि.मी., बड़ागांव 10 कि.मी., देवगढ़-100 कि.मी., नैनागिरि – 70 कि.मी |