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नाम एवं पता | तीर्थंकर ऋषभदेव दीक्षा तीर्थ, प्रयाग (तपस्थली) इलाहाबाद- बनारस हाईवे, निकट अंदावा मोड़, पो. इलाहाबाद (उत्तरप्रदेश) पिन – 211003 |
टेलीफोन | 094527 08616 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 38, कमरे (बिना बाथरूम) – x हाल 1 (यात्री क्षमता 100 ), यात्री ठहराने की कुल क्षमता 300. गेस्ट हाऊस – x
भोजनशाला : है, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : इलाहाबाद 13 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : इलाहाबाद 10 कि.मी. इलाहाबाद रेल्वे स्टेशन उतर कर रामबाग (इलाहाबाद ) बस स्टेण्ड से सीधे मंदिर तक साधन उपलब्ध। ऑटो से भी जाया जा सकता है। |
निकटतम प्रमुख नगर | इलाहाबाद 13 कि.मी., बनारस 110 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : तीर्थंकर ऋषभदेव तप स्थली प्रयाग प्रबंध कमेटी, इलाहाबाद अन्तर्गत दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप हस्तिनापुर (मेरठ)
अध्यक्ष : स्वस्ति श्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी, हस्तिनापुर (09412708203) मंत्री : श्री अजित प्रसाद जैन, इलाहाबाद (09415367215) प्रबन्धक : श्री बद्रीप्रसाद जैन (09452708616) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 3 +1 कीर्तिस्तंभ
क्षेत्र पर पहाड़ : कृत्रिम पहाड़ है, 127 सीढ़ियाँ है । ऐतिहासिकता : तीर्थंकर ऋषभदेव ने जिस सिद्धार्थ नामक वन में जाकर वट वृक्ष के नीचे जैनेश्वरी दीक्षा एवं केवलज्ञान प्राप्त किया था वही स्थान करोड़ों वर्षो पूर्व से प्रयाग के नाम से प्रसिद्धि को प्राप्त हुआ, ऐसा जैन ग्रन्थों में वर्णन है। हरिवंशपुराण में कहा है। – ‘ एवमुक्ता प्रजायत्र, प्रजापतिमपूजयत्, प्रदेश: सप्रयागारण्यो, यतः पूजार्थयोगतः’, पद्मपुराण में ‘प्रकृष्टोवाकृतस्त्यागः प्रयागस्तेन कीर्तितः’ वर्णित है। पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से फरवरी 2001 में उक्त ऋषभदेव दीक्षा तीर्थ का अभूतपूर्व निर्माण हुआ है। दीक्षा तपोवन, समवसरण रचना, कैलाश पर्वत, गुफा मन्दिर, कीर्तिस्तम्भ इत्यादि वंदनीय स्थल हैं। 14 फुट ऊँची पद्मासन की विशाल प्रतिमा त्रिकाल चौबीसी की 72 जिनालयों में जिन प्रतिमाऐं विराजमान है। समवसरण मंदिर भी दर्शनीय है, तथा पवित्र रचना का मॉडल स्थापित है। वार्षिक मेले : ऋषभदेव दीक्षा कल्याणक चैत्रवदी 9 से 11 तक वार्षिक महोत्सव, माघ कृ. 14 ऋषभदेव निर्वाण कल्याणक माघ शु. 13 तीर्थक्षेत्र प्रतिष्ठापना दिवस । |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | कौशाम्बी 80 कि.मी., प्रभाषगिरि- 80 कि.मी., काकंदी-300 कि.मी., अयोध्या – 170 कि.मी. वाराणसी 110 कि.मी. |