नाम एवं पता | श्री शौरीपुर बटेश्वर दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, शौरीपुर बटेश्व ग्राम- बटेश्वर, तहसील-बाह, जिला-आगरा (उत्तरप्रदेश) पिन-283 104 |
टेलीफोन | बटेश्वर 05614234750, 08941879101 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ | आवास : कमरे (बिना बाथरूम) -26+8, कमरे ( अटैच बाथरूम) – हाल – 2 बटेश्वर, 5 गेस्ट हाऊस – 1 (शौरीपुर) यात्री ठहराने की कुल क्षमता 300.
भोजनशाला : है, विद्यालय : नहीं, औषधालय : है, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : फिरोज़ाबाद 35 कि.मी., आगरा 70 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : बाह 7 कि.मी. श्री शांतिनाथ दि. जैन मंदिर (एम. डी. जैन इन्टर कॉलेज), अहिंसा चौक, हरी पर्वत, आगरा से प्रतिदिन 7.30 बजे कमेटी की बस द्वारा एत्मादपुर, टुण्डला, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद आदि मंदिरों के दर्शन कराते हुए बटेश्वर एवं शौरीपुर पहुँचती है। (सम्पर्क – श्री संजय 09997521213 |
निकटतम प्रमुख नगर | आगरा 70 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री शौरीपुर बटेश्वर दि. जैन सिद्धक्षेत्र कमेटी
अध्यक्ष : श्री स्वरूपचन्द जैन (05622850812, 09897658432) मंत्री : श्री भोलानाथ जैन (09897898844) व्यवस्थापक : श्री सोहनलाल जैन (08941879101 बटेश्वर जैन मंदिर) |
क्षेत्र का महत्व | क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03
क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : श्रीनेमिनाथ भगवान की यह गर्भ और जन्म कल्याणक भूमि है। यह सिद्ध क्षेत्र और कल्याणक क्षेत्र दोनों ही है। सहस्त्रों वर्ष पूर्व धन-धान्य से समृद्ध यमुना तट पर शौरीपुर एक विशाल नगरी थी। इस नगरी को महाराज शूरसेन ने बसाया था। उन्हीं की पीढ़ी में महाराज समुद्र विजय हुए, ये 10 भ्राता थे, इनमें सबसे छोटे वसुदेव थे जिनके पुत्र श्रीकृष्ण थे। कुन्ती और माद्री महाराज समुद्र विजय की बहनें थीं जो कुरुवंशी पाण्डु को ब्याही थी। समुद्रविजय के पुत्र तीर्थंकर नेमिनाथ थे वे श्रीकृष्ण से उम्र में बहुत छोटे थे। श्री सुप्रतिष्ठ मुनि को यहाँ केवलज्ञान प्राप्त होने पर सर्वज्ञ हो गये थे एवं मुनि श्री यम, मुनि श्री धन्य एवं मुनि श्री विमलासुत की निर्वाण भूमि है। श्री नेमि प्रभु के पश्चात् अनेक दिगम्बर मुनियों को ज्ञानोत्पत्ति के कारण यह भूमि सिद्ध भूमि के गौरव से अलंकृत हुई। क्षेत्र के भूगर्भ से प्राचीन मूर्तियाँ, महाभारत कालीन ईंटे तथा पुरातात्विक सामग्री प्राप्त हुई है। वार्षिक मेला : 1. प्राचीन मेला मार्ग शीर्ष कृष्ण एकम् को, 2. श्री अजितनाथ भगवान निर्वाण महोत्सव चैत्र शुक्ल पंचमी को |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | फिरोज़ाबाद – 35 कि.मी., आगरा – 70 कि.मी., मथुरा चौरासी- 110 कि.मी. |