महावीर जयंती पर गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की विशेष प्रेरणा-
जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में विराजमान अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्नसागर जी महाराज से परामर्श करके *पूज्य माताजी ने बताया कि धवला-9 (पृ. 122), जयधवला-1 (पृ. 77) जैसे महान ग्रंथों के अनुसार चैत्र शुक्ला त्रयोदशी की रात्रि उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ था अत: 6 अप्रैल को रात्रि 10 बजकर 5 मिनट पर भगवान के जन्म की खुशियाँ मनाते हुए भगवान के चित्र, यंत्र अथवा प्रतिमा के समक्ष सभी जैन श्रद्धालुजन अपने-अपने घरों में घंटी, थाली, शहनाई आदि वाद्य या ताली बजाकर जय जयकार करें।
पश्चात् 7 पैर आगे चलकर साष्टांग या पंचांग नमस्कार के साथ एक लौंग व कर्पूर जलाकर भगवान की आरती करें व महावीराष्टक स्तोत्र पढ़ें।
नोट- इस दौरान सभी लोग विषैले कोरोना वाइरस से बचने के लिए शासन-प्रशासन के समस्त नियम व सोशल डिस्टेंस का अवश्य ध्यान रखें।
घर घर पूज्य माताजी कि प्रेरणा से मनाई महावीर जन्मकल्याणक की विशेष झलकियाँँ
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