अंकन्यास विधि
A particular kind of ritual procedure of writing whole Hindi syllabary with sacred saffron paste on the various body-parts of the idol of Lord Jinendra with a golden-stick especially at the day of Kevalgyan Kalyank (day of attainment of omniscience) in Panchkalyanak Pratishtha. पंचकल्याणक में केवलज्ञान कल्याणक के दिन प्रतिष्ठेय प्रतिमा पर विशेष मंत्र पड़ते हुए प्रतिष्ठाचार्य द्वारा अ से लेकर ह तक अक्षर शरीर के विभिन्न अंको में मंत्रित केशर द्वारा स्वर्ण शलाका से लिखा जाना [[श्रेणी:शब्दकोष]]