आर्षयज्ञ
Oblation-particular auspicious articles offering into the sacred fire. तीर्थंकर गणधर तथा अन्य केवलियों के शरीर संस्कार हेतु अग्रिकुमार इन्द्र के मुकुट से उत्पन्न त्रिविध अग्नियों के प्रतीक में हवन कुण्ड बनाकर मंत्रों के उच्चारण पूर्वक भक्तिसहित धूप सप्त धान्य घी आदि से आहुति देना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]