आहारक मिश्र काययोग
Vibration in soul-points during the completion of Aharak Sharir. आहारक शरीर की उत्पत्ति प्रारम्भ होने के प्रथम समय से लगाकर शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने तक अन्तर्मुहुर्त के मध्यावर्ती अपरिपूर्ण शरीर के द्वारा उत्पन्न योग।[[श्रेणी:शब्दकोष]]