महापुराण –
श्री जिनसेनाचार्य द्वारा रचित महापुराण के दो भाग हैं – १ आदिपुराण २ उत्तरपुराण ।
इन दोनों भागों में ६३ शलाका महापुरुषों का चारित्र वर्णित है । अन्य अनेक प्रेरणास्पद कहानियाँ भी इस महापुराण में पढ़ने योग्य हैं ।
महापुराण के दोनों भाग अपने जीवन में एक बार अवश्य पढ़ना चाहिए ।