अपाप State of sinlessness, The 13th predestined Tirthankara (Jaina – Lord). पाप रहित अवस्था,भावी तेरहवें तीर्थंकर,अपर नाम ‘निष्पाप’ व ‘पुण्यमूर्ति’हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]