अप्रतिक्रमण
State of non – repentance.
प्रतिक्रमण से रहित अवस्था;यह दो प्रकार की है-अज्ञानी जनों के आश्रित हे उपादेय के विवेक शून्य निरर्गल प्रवृत्ति रूपम,ग्यानी जीवों के आश्रित अभेद रत्नत्रय या त्रिगुप्ती रूप अर्थात ध्यान रूप हैं,ग्यानीजनों के आश्रित प्रतिक्रमण का नाम निश्चय प्रतिक्रमण भी है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]