ऋजुसूत्राभास
Bauddha’s belief of momentariness (reg. internal and external thoughts of substances). एक मिथ्या नय, बहिरंग- अंतरंग दोनों द्रव्यों का सर्वथा अपलाप करने वाली क्षणिकवादी बौंद्धदों की मान्यता क्योंकि उनकी मान्यतायें प्रतीति-प्रमाण से बाधित है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]