चतुर्दश गुणस्थान
Fourteen Gunsthan-stages of spiritual developments.
१४ गुणस्थान ; मिथ्यात्व , सासादन , मिश्र , अविरत सम्यग्दृष्टि , देशाविरत , प्रमत्त , अप्रमत्त, अपूर्वकरण , अनुवृत्तिकरण, सूक्ष्म-साम्पराय , उपशांत मोह , क्षीणमोह , संयोगकेवली, आयोगकेवली ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]