चित्रकर्म Paintings or Statues of deities, human or hellish beings in dancing mood. पट , भक्ति , काष्ठ आदि का तख्ता आदि पर नाचने आदि क्रिया में प्रवृत्त देव , नारकी , तिर्यंच एवं मनुष्यों की प्रतिमाओं को चित्रकर्म कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]