Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
ऋषभदेव प्रभु को है मेरा
June 16, 2020
भजन
jambudweep
ऋषभदेव प्रभु को है, मेरा नमन
तर्ज-बहुत प्यार…….
ऋषभदेव प्रभु को है, मेरा नमन।
चरण में समर्पित-२, हैं भक्ती सुमन।।ऋषभेदव.।।टेक.।।
मरुदेवी माता के घर, रत्न खूब बरसे।
अयोध्यापुरी में पिता, नाभिराय हरषे।।
चैत्र वदी नवमी को-२, हुआ प्रभु जनम।।ऋषभेदव.।।१।।
इस युग के आदिब्रह्मा, ऋषभदेव स्वामी हैं।
पुरुदेव तीर्थंकर की, पदवी से नामी हैं।।
अवध की प्रजा व धरती-२, हुई धन्य धन।।ऋषभेदव.।।२।।
राजसुख को भोग उसको, त्याग दिया क्षण में।
बनकर के जिनवर राजे, समवसरण में।।
‘‘चंदनामती’’ वे अपने, आप मे मगन।।ऋषभेदव.।।३।।
Previous post
ज्ञानमती माँ आईं प्रभु जी के द्वार!
Next post
निधियाँ कई दे दी हैं अयोध्या को मात ने!
error:
Content is protected !!