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अयोध्या
भगवान पद्मप्रभ भजन
June 12, 2020
भजन
jambudweep
पद्मचिन्हयुत पद्मप्रभू के, श्रीचरणों में नमन करें
तर्ज—आओ बच्चों तुम्हें……
पद्मचिन्हयुत पद्मप्रभू के, श्रीचरणों में नमन करें।
कौशाम्बी के तीर्थ प्रभासगिरी को सब मिल चमन करें।।
वन्दे जिनवरम्, वन्दे जिनवरम्-२।। टेक.।।
कौशाम्बी में धरणराज की, रानी एक सुसीमा थीं।
जिनके सुख वैभव की धरती पर नहिं कोई सीमा थी।।
इन्द्रों द्वारा पूज्य वहाँ की, पावन रज को नमन करें। कौशाम्बी……।।
वन्दे जिनवरम्, वन्दे जिनवरम्-२ ।।१।।
चार कल्याणक पद्मप्रभू के, इन्द्र ने यहीं मनाये हैं।
आज वही कौशाम्बी और, प्रभाषगिरी कहलाये हैं।।
यमुना तट पर बसे तीर्थ पर, मुनिगण आतमरमण करें। कौशाम्बी……।।
वन्दे जिनवरम्, वन्दे जिनवरम्-२ ।।२।।
गणिनी माता ज्ञानमती ने, इस तीरथ के दर्श किये।
मिली प्रेरणा महावीर, चन्दनबाला वहाँ प्रगट हुए।।
पद्मप्रभू की अतिशयकारी, मूर्ति ‘चंदना’ नमन करें। कौशाम्बी……।।
वन्दे जिनवरम्, वन्दे जिनवरम्-२ ।।३।।
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