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तीर्थंकर प्रभू को केवलज्ञान हो गया!
June 18, 2020
भजन
jambudweep
तीर्थंकर प्रभू को केवलज्ञान हो गया
तर्ज—एक परदेशी…………..
तीर्थंकर प्रभू को केवलज्ञान हो गया,
आतमा परमातमा भगवान हो गया।।टेक.।।
घातिकर्म को क्षय करके प्रभु ने,
दिव्यज्ञान को प्राप्त किया है। …प्राप्त किया है…….
तत्क्षण धनद ने आकरके नभ में,
समवसरण की रचना किया है।।
रचना……. बारह सभा का उसमें निर्माण हो गया,
आतमा परमातमा भगवान हो गया।।१।।
मनपर्यय ज्ञानयुत गणधर मुनि,
प्रभु दिव्यध्वनि का विस्तार करते। ……..विस्तार…….
ओंकार ध्वनि सुन अन्तर्मुहूर्त में,
द्वादशांगमय जिनशास्त्र कहते। जिन………
दिव्यध्वनि से सबको सच्चाज्ञान हो गया,
आतमा परमातमा भगवान हो गया।।२।।
समवसरण में गाय-शेर व साँप-मोर सब एक साथ रहते। एक साथ……..
अपने जनमजात वैर भी तजकर ‘‘चन्दनामती’’ वे प्रेम भाव धरते।। प्रेमभाव…..
जग के सारे भव्यों का कल्याण हो गया, आतमा परमातमा
भगवान हो गया।।३।।
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