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धरती वन्दन करती है, अम्बर वन्दन करता है!
June 18, 2020
भजन
jambudweep
धरती वन्दन करती है, अम्बर वन्दन करता है।
तर्ज—संतों का तुम्हें………
धरती वन्दन करती है, अम्बर वन्दन करता है।
सूरज चाँद सितारों के संग, तुम पद में झुकता है। धरती……।। टेक.।।
तेरे जनम में इस धरती पर, रत्न बहुत बरसे थे।
बाँट-बाँट कर उन रत्नों को, मात पिता हरषे थे।।
इन्द्र बना किंकर चरणों में, सदा नमन करता है। धरती……।।१।।
एक रत्न भी उनमें से प्रभु, आज यदी मिल जाता।
तब यह सारा विश्व दिव्यता, को तेरी लख पाता।।
फिर भी हर कवि ग्रन्थों में, गुणगान तेरा करता है। धरती……।।२।।
कृत्रिम नवरत्नों को हम भी, तुझ पर बरसाएंगे।
तभी ‘चंदनामती’ प्रभू सम पद हम भी पाएंगे।।
तेरी यशगाथा सुनने को, हर पल मन करता है। धरती……।।३।।
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