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मनोकामना सिद्धि महावीर व्रत एवं मंत्र!
July 15, 2017
जैन व्रत
jambudweep
मनोकामना सिद्धि महावीर व्रत एवं मंत्र
व्रत विधि—
जैनशासन में पर्वों की भांति ही अनादिकाल से व्रतों की परम्परा भी चली आ रही है जिनमें दो प्रकार के व्रत प्रचलित हैं-१. सोलहकारण, दशलक्षण, पंचमेरु, आष्टान्हिका, रत्नत्रय आदि पर्वों में किये जाने वाले व्रत अनादि कहलाते हैं तथा रोहिणी, रविव्रत, पंचकल्याणक आदि व्रत सादि कहलाते हैं। इनमें ही अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के नाम से मनोकामना सिद्धि महावीर व्रत भी विशेष महिमाशाली व्रत है। पुत्रप्राप्ति तथा अन्य इच्छित फल की प्राप्ति हेतु इस व्रत को किया जाता है। इस व्रत में १०८ उपवास किये जाते हैं तथा व्रत वाले दिन १-१ मंत्र की जाप दिन में तीन बार करना चाहिए। व्रत की उत्तम विधि उपवासपूर्वक है, मध्यम में जल आदि पेय वस्तु दिन में एक बार ली जाती है तथा दिन में एक बार शुद्ध भोजन करना एकाशन कहलाता है यह जघन्यविधि है। इस व्रत को करने में तिथि का कोई बंधन नहीं है अपनी सुविधा के अनुसार महीने में कम से कम एक व्रत अवश्य करें तथा अधिक से अधिक जितने व्रत चाहें, कर सकते हैं। व्रत को स्त्री-पुरुष, बालक-बालिकाएँ सभी को अपनी शक्ति के अनुसार करना चाहिए। व्रत वाले दिन भगवान महावीर का अभिषेक-पूजन करें तथा भगवान महावीर का संक्षिप्त जीवनदर्शन आदि पढ़कर धर्मध्यान में दिन को व्यतीत करना चाहिए। व्रत के उद्यापन में भगवान महावीर की प्रतिमा बनवाकर मंदिर में विराजमान करें, विश्वशांति महावीर विधान का आयोजन करें, मंदिर में यथोचित उपकरण आदि दान दें, भगवान महावीर से संबंधित साहित्य छपाकर वितरित करें तथा १०८ लोगों को या कम से कम २४ लोगों को ३-३ फल वितरित करें।
इस व्रत की जाप्य निम्न प्रकार है-
समुच्चय जाप्य—ॐ ह्रीं अर्हं श्रीमहावीरजिनेन्द्राय विश्वशांतिकराय सर्वसौख्यं कुरु कुरु ह्रीं नम:।
(प्रत्येक व्रत में निम्न मंत्रों की क्रम-क्रम से १-१ जाप्य करें)
१.
ॐ ह्रीं दर्शनविशुद्धिभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२.
ॐ ह्रीं विनयसंपन्नताभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३.
ॐ ह्रीं शीलव्रतेषु अनतिचारभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४.
ॐ ह्रीं अभीक्ष्णज्ञानोपयोगभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५.
ॐ ह्रीं संवेगभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६.
ॐ ह्रीं शाक्ततस्त्यागभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७.
ॐ ह्रीं शाक्ततस्तपोभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८.
ॐ ह्रीं साधुसमाधिभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९.
ॐ ह्रीं वैयावृत्यकरणभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०.
ॐ ह्रीं अर्हद्भाभक्तिभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
११.
ॐ ह्रीं आचार्यभक्तिभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१२.
ॐ ह्रीं बहुश्रुतभक्तिभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१३.
ॐ ह्री प्रवचनभक्तिभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१४.
ॐ ह्रीं आवश्यक-अपरिहाणिभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१५.
ॐ ह्रीं मार्गप्रभावनाभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१६.
ॐ ह्रीं प्रवचनवत्सलत्वभावनाबलेन तीर्थंकरपदप्राप्त श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१७.
ॐ ह्रीं मातु: ऐरावतहाqस्तस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१८.
ॐ ह्रीं मातु: महावृषभस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१९.
ॐ ह्रीं मातु: सिंहस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२०.
ॐ ह्रीं मातु: मालायुगलस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२१.
ॐ ह्रीं मातु: लक्ष्मीस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२२.
ॐ ह्रीं मातु: चन्द्रस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२३.
ॐ ह्रीं मातु: सूर्यस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२४.
ॐ ह्रीं मातु: कलशयुगलस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२५.
ॐ ह्रीं मातु: मीनयुगलस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२६.
ॐ ह्रीं मातु: सरोवरस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२७.
ॐ ह्रीं मातु: समुद्रस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२८.
ॐ ह्रीं मातु: सिंहाअसनस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
२९.
ॐ ह्रीं मातु: देवविमानस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३०.
ॐ ह्रीं मातु: धरणेंद्रभवनस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३१.
ॐ ह्रीं मातु: रत्नराशिस्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३२.
ॐ ह्रीं मातु: निर्धूम-अग्निग्स्वप्नप्रदर्शकाय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३३.
ॐ ह्रीं स्वेदरहितजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३४.
ॐ ह्रीं मलरहितजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३५.
ॐ ह्रीं क्षीरसमरुधिरजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३६.
ॐ ह्रीं वज्रऋषभनाराचसंहननजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३७.
ॐ ह्रीं समचतुरस्रसंस्थानजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३८.
ॐ ह्रीं अनुपमरूपजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
३९.
ॐ ह्रीं सुगंधशरीरजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४०.
ॐ ह्रीं अष्टोत्तरसहस्रलक्षणजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४१.
ॐ ह्रीं अनंतबलजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४२.
ॐ ह्रीं प्रियहितमधुरवचनजन्मातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४३.
ॐ ह्रीं गव्यूतिशतचतुष्टयसुभिक्षताकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४४.
ॐ ह्रीं आकाशगमनकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४५.
ॐ ह्रीं प्राणिवधाभावकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४६.
ॐ ह्रीं कवलाहाराभावकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४७.
ॐ ह्रीं उपसर्गाभावकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४८.
ॐ ह्रीं चतुर्मुखकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
४९.
ॐ ह्रीं छायारहितकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५०.
ॐ ह्रीं नेत्रनिमीलनरहितकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५१.
ॐ ह्रीं सर्वविद्यास्वामिकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५२.
ॐ ह्रीं नखकेशवृद्धिरहितकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५३.
ॐ ह्रीं दिव्यध्वनिकेवलज्ञानातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५४.
ॐ ह्रीं सर्व-ऋतुफलपुष्पादिदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५५.
ॐ ह्रीं धूलिवंâटकादिनिवारणदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५६.
ॐ ह्रीं सर्वजनमैत्रीभावदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५७.
ॐ ह्रीं रत्नमयीभूमिदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५८.
ॐ ह्रीं गंधोदकवृष्टिदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
५९.
ॐ ह्रीं फलभारनम्रशालिदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६०.
ॐ ह्रीं सर्वजनपरमानंददेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६१.
ॐ ह्रीं अनुवूâलवायुदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६२.
ॐ ह्रीं जलभरितवूâपादिदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६३.
ॐ ह्रीं निर्मलाकाशदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६४.
ॐ ह्रीं सर्वजनरोगशोकबाधारहितदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६५.
ॐ ह्रीं धर्मचव्रâचतुष्टयदेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६६.
ॐ ह्रीं चरणकमलतलस्वर्णकमलरचनादेवकृतातिशयसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६७.
ॐ ह्रीं अशोकवृक्षप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६८.
ॐ ह्रीं छत्रत्रयप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
६९.
ॐ ह्रीं िंसहासनप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७०.
ॐ ह्रीं द्वादशगणवेष्टितप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७१.
ॐ ह्रीं देवदुंदुभिप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७२.
ॐ ह्रीं सुरपुष्पवृष्टिप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७३.
ॐ ह्रीं भामंडलप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७४.
ॐ ह्रीं चतु:षष्टिचामरप्रातिहार्यसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७५.
ॐ ह्रीं अनंतज्ञानगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७६.
ॐ ह्रीं अनंतदर्शनगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७७.
ॐ ह्रीं अनंतसौख्यगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७८.
ॐ ह्रीं अनंतवीर्यगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
७९.
ॐ ह्रीं क्षुधामहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८०.
ॐ ह्रीं तृषामहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८१.
ॐ ह्रीं भयमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८२.
ॐ ह्रीं क्रोधमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८३.
ॐ ह्रीं चिंतामहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८४.
ॐ ह्रीं जरामहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८५.
ॐ ह्रीं रागमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८६.
ॐ ह्रीं मोहमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८७.
ॐ ह्रीं रोगमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८८.
ॐ ह्रीं मृत्युमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
८९.
ॐ ह्रीं स्वेदमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९०.
ॐ ह्रीं विषादमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९१.
ॐ ह्रीं मदमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९२.
ॐ ह्रीं रतिमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९३.
ॐ ह्रीं विस्मयमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९४.
ॐ ह्रीं निद्रामहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९५.
ॐ ह्रीं जन्ममहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९६.
ॐ ह्रीं अरतिमहादोषरहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९७.
ॐ ह्रीं इन्द्रकृतवीर-वद्र्धमाननामप्राप्ताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९८.
ॐ ह्रीं मुनिद्वयकृतसन्मतिनामप्राप्ताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
९९.
ॐ ह्रीं संगमदेवकृतमहावीरनामप्राप्ताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१००.
ॐ ह्रीं रूद्रकृतमहतिमहावीरनामप्राप्ताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०१.
ॐ ह्रीं महायोगीश्वरगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०२.
ॐ ह्रीं द्रव्यसिद्धगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०३.
ॐ ह्रीं अदेहगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०४.
ॐ ह्रीं अपुनर्भवगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०५.
ॐ ह्रीं ज्ञानैकचिद्गुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०६.
ॐ ह्रीं जीवघनगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०७.
ॐ ह्रीं स्वात्मोपलाqब्धरूपसिद्धनामसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
१०८.
ॐ ह्रीं लोकाग्रगामुकगुणसहिताय श्रीमहावीरजिनेंद्राय नम:।
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