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जम्बूद्वीप के सुदर्शमेरु के १६ जिनमंदिर, गजदंत के ४, जंबू शाल्मली वृक्ष के २, सोलहवक्षार पर्वत के १६, चौंतीस विजयार्ध पर्वत के ३४ और छह कुलाचल के ६ ऐसे १६±४±२±१६±३४±६·७८ अठत्तर अकृत्रिम जिनमंदिर हैं। इनको लक्ष्य करके ७८ उपवास करना उत्तम है, अल्पाहार करना मध्यम है और एक बार शुद्ध भोजन-एकाशन करना जघन्य व्रत है।
इस व्रत को तिथि से करने पर सुदर्शमेरु के १६ प्रतिपदा के १६, दो वृक्ष के द्वितीया के २, चार गजदंत के चतुर्थी के ४, षट् कुलाचल के षष्ठी के ६, सोलह वक्षार के १६ अष्टमी के १६, चौंतीस विजयार्ध के ३४ चौदश के ३४ इस प्रकार इन तिथियों में व्रत कर सकते हैं। यदि बिना तिथि के करना है तो अष्टमी, चतुर्दशी आदि तिथियों में व्रतों को करके ७८ व्रत पूरे करने चाहिए। पुन: जंबूद्वीप विधान करके उद्यापन करे, शक्ति के अनुसार जिनप्रतिमा निर्माण कराकर जिनमंदिर बनवाकर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा, शास्त्रदान, ७८-७८ उपकरण दान आदि करके व्रत का उद्यापन पूर्ण करना चाहिए। व्रत के दिन जंबूद्वीप की पूजा करना चाहिए। यह पूजा जम्बूद्वीप पूजाञ्जलि में प्रकाशित है।
प्रत्येक व्रत में समुच्चय जाप्य निम्न प्रकार है-
ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधिअष्टसप्ततिजिनालयजिनबिंबेभ्यो नम:।
जम्बूद्वीप जिनमंदिर के ७८ व्रत के ७८ पृथक्-पृथक् मंत्र-
सुदर्शन मेरु के १६ जिनमंदिर के १६ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
७.ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
११. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय- जिनबिम्बेभ्यो नम:।
चार गजदंतपर्वत जिनमंदिर के ४ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-माल्यवद्गजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महासौमनसगजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वद्युत्प्रभगजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधमादनगजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
दो वृक्षों के जिनमंदिर के २ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-जंबूवृक्षस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-शाल्मलिवृक्षस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
षट् कुलाचल जिनमंदिर के ६ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-हिमवत्पर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महाहिमवत्पर्वतस्थित-जिनालयाजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-निषधपर्वतस्थित-जिनालयाजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नीलपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-रूक्मिपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-शिखरिपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
सोलह वक्षार पर्वत जिनमंदिर के १६ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-चित्रकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नलिनकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पद्मकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-एकशैलकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-त्रिकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वैश्रवणवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-अंजनवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-आत्मांजनवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-श्रद्धावद्वक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-विजटावद्वक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
११. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-आशीविषवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुखावहवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-चन्द्रमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सूर्यमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नागमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-देवमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३४ विजयार्ध के ३४ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-कच्छाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुकच्छाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महाकच्छाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-कच्छकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-आवर्ताविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-लांगलावर्ताविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पुष्कलाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पुष्कलावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वत्साविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुवत्साविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
११. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महावत्साविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वत्सकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-रम्याविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुरम्यकाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-रमणीयाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-मंगलावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पद्माविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुपद्माविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महापद्माविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पद्मकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-शंखाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नलिनाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-कुमुदविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सरित्विदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वप्राविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुवप्राविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महावप्राविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वप्रकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुगंधाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधिलाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधमालिनीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-भरतक्षेत्रस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-ऐरावतक्षेत्रस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
(९०) जम्बूद्वीप व्रत विधि
जम्बूद्वीप के सुदर्शमेरु के १६ जिनमंदिर, गजदंत के ४, जंबू शाल्मली वृक्ष के २, सोलहवक्षार पर्वत के १६, चौंतीस विजयार्ध पर्वत के ३४ और छह कुलाचल के ६ ऐसे १६±४±२±१६±३४±६·७८ अठत्तर अकृत्रिम जिनमंदिर हैं। इनको लक्ष्य करके ७८ उपवास करना उत्तम है, अल्पाहार करना मध्यम है और एक बार शुद्ध भोजन-एकाशन करना जघन्य व्रत है।
इस व्रत को तिथि से करने पर सुदर्शमेरु के १६ प्रतिपदा के १६, दो वृक्ष के द्वितीया के २, चार गजदंत के चतुर्थी के ४, षट् कुलाचल के षष्ठी के ६, सोलह वक्षार के १६ अष्टमी के १६, चौंतीस विजयार्ध के ३४ चौदश के ३४ इस प्रकार इन तिथियों में व्रत कर सकते हैं। यदि बिना तिथि के करना है तो अष्टमी, चतुर्दशी आदि तिथियों में व्रतों को करके ७८ व्रत पूरे करने चाहिए। पुन: जंबूद्वीप विधान करके उद्यापन करे, शक्ति के अनुसार जिनप्रतिमा निर्माण कराकर जिनमंदिर बनवाकर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा, शास्त्रदान, ७८-७८ उपकरण दान आदि करके व्रत का उद्यापन पूर्ण करना चाहिए। व्रत के दिन जंबूद्वीप की पूजा करना चाहिए। यह पूजा जम्बूद्वीप पूजाञ्जलि में प्रकाशित है।
प्रत्येक व्रत में समुच्चय जाप्य निम्न प्रकार है-
ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधिअष्टसप्ततिजिनालयजिनबिंबेभ्यो नम:।
जम्बूद्वीप जिनमंदिर के ७८ व्रत के ७८ पृथक्-पृथक् मंत्र-
सुदर्शन मेरु के १६ जिनमंदिर के १६ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुभद्रशालवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुनंदनवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
११. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुसौमनसवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितपूर्वदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितदक्षिणदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितपश्चिमदिग्जिनालय-जिनबिम्बेभ्यो नम:।
१६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुदर्शनमेरुपांडुकवनस्थितउत्तरदिग्जिनालय- जिनबिम्बेभ्यो नम:।
चार गजदंतपर्वत जिनमंदिर के ४ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-माल्यवद्गजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महासौमनसगजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-विद्युत्प्रभगजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधमादनगजदंतपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
दो वृक्षों के जिनमंदिर के २ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-जंबूवृक्षस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-शाल्मलिवृक्षस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
षट् कुलाचल जिनमंदिर के ६ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-हिमवत्पर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महाहिमवत्पर्वतस्थित-जिनालयाजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-निषधपर्वतस्थित-जिनालयाजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नीलपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-रूक्मिपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-शिखरिपर्वतस्थित-जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
सोलह वक्षार पर्वत जिनमंदिर के १६ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-चित्रकूटटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नलिनकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पद्मकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-एकशैलकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-त्रिकूटवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वैश्रवणवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-अंजनवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-आत्मांजनवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-श्रद्धावद्वक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-विजटावद्वक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
११. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-आशीविषवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुखावहवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-चन्द्रमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सूर्यमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नागमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-देवमालवक्षारपर्वतस्थित जिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३४ विजयार्ध के ३४ मंत्र-
१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-कच्छाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुकच्छाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महाकच्छाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-कच्छकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-आवर्ताविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-लांगलावर्ताविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पुष्कलाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पुष्कलावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वत्साविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुवत्साविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
११. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महावत्साविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वत्सकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-रम्याविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुरम्यकाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-रमणीयाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१६. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-मंगलावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पद्माविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुपद्माविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
१९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महापद्माविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-पद्मकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-शंखाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-नलिनाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-कुमुदविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सरित्विदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२५. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वप्राविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२६.ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुवप्राविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२७. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-महावप्राविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२८. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-वप्रकावतीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
२९. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३०. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-सुगंधाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३१. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधिलाविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३२. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-गंधमालिनीविदेहस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३३. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-भरतक्षेत्रस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
३४. ॐ ह्रीं जंबूद्वीपसंबंधि-ऐरावतक्षेत्रस्थित-विजयार्धपर्वतजिनालयजिनबिम्बेभ्यो नम:।
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