[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाचार–Mulaachar. Name of a treatise written by Acharya Kund Kund containing the code of conduct of Digambar Jain saints. आचार्य श्रीकुंद–कुंद (अपरनाम) द्वारा प्राकृत गथाओ में निबिद्ध दिगंबर जैन साधु–साध्वियो की आचार–संहिता का वर्णन करने वाला ग्रंथ”श्री वसुनंदी आचार्य (ई.श. 11–12) द्वारा इसकी संस्कृत टीका लिखी गयी है” गनिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने मूलाचार की गाथा एवं टीका पर हिन्दीटीका ई. सन 1975–76 में लिखी” इस हिन्दी टीका से समन्वित मूलाचार ग्रंथ (दो भागो में) का प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ नामक संस्था से हुआ है”