प्रिय पाठक बंधुओं ! आज के भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति परेशान होकर मंत्र- तंत्रवादी एवं ज्योतिषियों के चक्कर लगाता है । ऐसे समय में हमारे जैनाचार्य तो कर्मसिद्धान्त के विशेष रहस्य को समझाकर सभी को अपने- अपने शुभ- अशुभ कर्मों पर विश्वास रखने की प्रेरणा प्रदान करते हैं । क्योंकि प्रत्येक जीव अपने- अपने का कर्ता स्वतंत्र है , और उसके फल को भी वह स्वतंत्ररूप से ही भोगता है । इस तत्त्वज्ञान के द्वारा हमेशा अपने कर्मसिद्धान्त पर विश्वास रखना चाहिए ।
यहाँ पर आपके समक्ष ज्योतिष विद्या के अन्तर्गत नामाक्षरों से अपने व्यक्तित्व को जानने का एक अवसर प्रदान किया जा रहा है । इसमें आपको दिग्भ्रमित नहीं होना है और परिवार में अच्छे- अच्छे नामों को रखने की परंपरा का ही ध्यान रखना है , ताकि हर बच्चे को अपने नाम का अर्थ तथा उससे होने वाले असर भी ज्ञात हो सके ।
इस आलेख को ध्यान से पढ़ कर इस पर अपना अभिमत भी लिख कर इनसाइक्लोपीडिया कार्यालय को भेजें तो हमें आपकी रुचि के विषय में पता चलेगा । – सम्पादिका ]भूमिका यूं तो भविष्य एवं व्यक्तित्व जानने की कई विधियाँ हैं किसी के लिए जन्मकुडली जरूरी है तो किसी के लिए अंकों का अध्ययन। किसी के लिए रेखाओं का ज्ञान जरूरी है तो किसी के लिए कुछ। सभी के लिए पूर्ण जानकारी एवं गहरा अनुभव चाहिए लेकिन नाम के प्रथम अक्षर द्वारा भी किसी जातक के भविष्य एवं उसके व्यक्तित्व में झांका जा सकता है और वह भी बिना किसी गूढ़ विद्या के। क्या कहता है आपके व आपके साथी का अक्षर जानिए इस लेख से। जितना हम स्वयं के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं उतनी ही उत्सुकता हम अपने मित्र—शत्रु या आसपास के लोगों के बारे में जानने की भी करते हैं। बिना ज्योतिषी ज्ञान के बिना जन्म विवरण के किसी कुडली, अंक या रेखाओं आदि का सहारा लिए बिना भी नामाक्षर द्वारा इस गुत्थी को सुलझाया जा सकता है।
जिनका नाम ‘ए’ अक्षर से शुरू होता है वह लोग आत्मविश्वासी मेहनती, दयावान, अच्छे विचारों वाले तथा भावना प्रधान होते हैं। उनका भावुक स्वभाव ही इनके उत्थान और पतन का कारण बनता है। इनके इसी स्वभाव के कारण लोग इनका फायदा उठाते हैं। आप सदा दूसरों की भलाई के लिए तत्पर रहेंगे। आपको जीवन में मान सम्मान अवश्य मिलेगा। ऐसे व्यक्ति श्रेष्ठ विचारक तथा सद्गुण—सम्पन्न होते हैं। चंचल—प्रकृति होने के साथ—साथ दूसरों के दुख—दर्द में भागीदार होते हैं। ऐसे व्यक्ति समाज को प्रेममय, मधुर तथा सुन्दर बनाने का प्रयत्न करते रहते हैं। यह इनमें अनेक सद्गुण छिपे होते हैं। यह तेजस्वी व यशस्वी होते हैं। ऐसे लोगों में तीव्रता के साथ आगे बढ़ने की रहस्यमयी शक्ति होती है। ये समाज में कुछ बड़ा पद प्राप्त करने के लिए लालायित रहते हैं और कुछ ऐसा काम करना चाहते हैं, जो अब तक किसी ने नहीं किया हो। इनका विकास अपने जन्मस्थान से हटकर होता है। यह जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रथम पंक्ति में रहना पसंद करते हैं। ऐसे जातक अपना भविष्य, अपना भाग्य एवं अपना घर खुद ही बनाते हैं। इनके परिजनों का सहयोग इन्हें कम ही मिलता है पर ये दूसरे लोगों को अपने आश्रय में आने का पूर्ण अवसर देते हैं।
जिनका नाम ‘बी’ अक्षर से आरंभ होता है ऐसे जातक सदा सतर्क तथा कदम फूक—फूंक के रखने वाले होते हैं। यह जो भी कार्य करते हैं सदा उसमें अपना लाभ देखते हैं। ऐसे जातक अंतर्मुखी होते हैं सदा अपनी बातों एवं विचारों को अपने भीतर छिपा के रखते हैं। इनका सम्पर्क छोटे—बड़े सभी लोगों से होता है परन्तु यह उनसे मिलने जुलने का दायरा सीमित ही रखते हैं। ऐसे व्यक्ति विचारों की गहराई में डूबे रहते हैं। वाद—विवाद में पड़ना इन्हें अच्छा नहीं लगता। तर्क को महत्त्व नहीं देते, इनकी मित्र—मंडली सीमित होती है। किसी भी विषय में इनका स्वयं का निर्णय होता है। कुछ शंकालु होने के कारण, चौकन्ने रहते हैं। कभी—कभी स्वार्थ तथा हीन भावनाओं के भी शिकार हो जाते हैं। इन जातकों का व्यक्तित्व आकर्षक होता है तथा इनकी आंखें चमकीली होती हैं। ऐसे व्यक्ति प्राय: दिमाग कि तुलना में दिल से काम लेते हैं तथा भावुक होते हैं। भावुक होने के साथ—साथ ये तुनक मिजाजी एवं उग्र स्वभाव के होते हैं। एक बार जो निश्चय कर लेते हैं, बदलते नहीं। समाज में, जाति में, ये सच्चे शिक्षक व मार्गदर्शक का कार्य करते हैं। देशप्रेम, जातिप्रेम एवं समाज प्रेम की भावना इनमें कूट-कूट कर भरी होती है। ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। तथा कार्य करने की विलक्षण शक्ति इनमें अंतर्गर्भित होती है।
जिनका नाम ‘सी’ अक्षर से आरम्भ होता है, ऐसे जातक बड़ी विचित्र प्रकार की मानसिक स्थिति वाले होते हैं। इनका मन किसी न किसी योजना से घिरा रहता है। ये दृढ़ संकल्पी, दूरदर्शी महत्त्वाकांक्षी विभिन्न मार्गों पर चलने वाले साहसी, दयालु एवं जिद्दी स्वभाव के होते हैं। यदि यह किसी काम को करने की ठान लें तो करके ही दम लेते हैं। इसलिए इन्हें चाहिए कि यह सोच समझकर विचारपूर्वक किसी कार्य को शुरु करें तथा भावावेश में न कोई वचन दें न ही कोई बात करें। ऐसे व्यक्ति धुन के पक्के होते हैं। जिस कार्य में हाथ डालेंगे उसमें तल्लीनता से जुट जायेंगे तथा पूरा करके ही छोड़ेंगे। वादा निभाना ये जानते हैं। इनकी बात पत्थर की लकीर होती है, ये अन्तर्मुखी होते हैं। इनका मस्तिष्क निरन्तर क्रियाशील रहता है, कोई न कोई योजना प्लान ये बनाते रहते हैं। ऐसे लोग रहस्यवादी होते हैं तथा धीमी गति से कार्य करना पसंद करते हैं। इन पर सोहबत का असर शीघ्र पड़ता है तथा अपने आपको परिस्थिति के अनुसार परिर्वितत भी कर लेते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुरंगी एवं अनेक प्रकार के कार्यों में हाथ डालने वाले होते हैं। साहस इनमें कूट-कूट कर भरा होता है। ऐसे जातक अपूर्व महत्त्वाकांक्षी एवं कुछ गर्म—स्वभाव के होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने पेट में कोई भी रहस्य छिपाकर नहीं रख सकते। ऐसे व्यक्ति धैर्यशाली होते हैं तथा कठिनाई के क्षणों में विचलित नहीं होते। इस नामाक्षर वाले व्यक्ति अपने ऊपर किए गए उपकार को कभी नहीं भूलते। ये अंतर्मुखी होते हैं। ऐसे लोग दूसरों की बातों पर विश्वास नहीं करते। अपने क्रोध एवं मनोभावों को दूसरे पर प्रकट नहीं होने देते। अंदर—ही—अंदर योजना बनाते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘डी’ अक्षर से शुरू होता है वह कुशल प्रशासक, मेधावी, विद्वान एवं अच्छे मार्गदर्शक होते हैं। अपने परिणाम एवं वाणी के बल पर अपने काम निकलवा लेते हैं। ऐसे जातक नपा—तुला बोलते हैं और जो बोलते हैं वह उत्साह दिलाने वाला होता है। यह अपने लक्ष्य के प्रति वफादार होते हैं तथा उसे पाने के लिए किसी भी प्रकार की बाधा या परिस्थिति से नहीं घबराते। ऐसे जातकों को अपने मान सम्मान की बड़ी फिक्र होती है और यदि कोई इनका अपमान कर दे तो यह तिलमिला उठते हैं। ऐसे व्यक्ति कम बोलने वाले, मिष्ठभाषी होते हैं। अपने विचारों पर अडिंग बने रहते हैं। प्रबल आत्मविश्वासी वचन के पक्के, जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं। मान प्रतिष्ठा को बहुत महत्त्व देते हैं। अगर मान—प्रतिष्ठा प्राण देकर भी बनी रह सके तो ये चूकते नहीं। सफल प्रशासक, कुशल नेता, कर्मठ एवं त्यागी होते हैं। ऐसे जातक अत्यधिक मिलनसार होते हैं तथा आत्मविश्वास इनमें कूट-कूट कर भरा होता है। ऐसे जातक विनम्रता का दिखावा करते हैं, परन्तु आचरण एवं व्यवहार में भिन्नता होती है। ऐसे लोग किसी भी बात पर सहज विश्वास नहीं करते तथा न ही किसी के अंधे भक्त होते हैं। ये कहने को तो सब की हाँ—में—हाँ मिलाते हैं, परन्तु करते वही हैं जो इनका दिल चाहता है। ऐसे जातक कूटनीति एवं राजनीति के प्रकांड पंडित होते हैं। ये अपने मान—सम्मान को ठेस न पहुँचे, इसका पूरा ध्यान रखते हैं। ये अपने विपरीत के सहयोग से आगे बढ़ते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘इ’ अक्षर से शुरू होता है वह मौलिक विचारों वाले, अपनी छवि अलग बनाने वाले, अपने लक्ष्य के प्रति निरन्तर क्रियाशील रहने वाले होते हैं। इन्हें भीड़ से हटकर काम करना अच्छा लगता है भले ही काम कितना भी जोखिम पूर्ण हो। नई—नाई योजना बनाना तथा योजनाबद्ध तरीके से काम करना इन्हें खूब आता है। यह स्पष्ट वक्ता, निडर और साहसी होते हैं तथा सच्ची और खरी बात कहने में पीछे नहीं हटते। ये बहिर्मुखी होते हैं। व्यवहार—कुशलता की इनमें कमी होती है। किस समय, किस को क्या बोलना है इसका ध्यान न रखकर मुंह पर ही खरी—खोटी कह देते हैं। ये अधिक बोलने के कारण वाचाल और गप्पी समझे जाते हैं। ये नवीनता को जीवन में प्रमुखता देते हैं। कार्य हो, विचार हो या योजनाएँ हो, हर क्षेत्र में नवीनता इन्हें प्रिय होती है। ऐसे जातक अंतर्मुखी एवं बहिर्मुखी दोनों ही प्रतिभा के धनी होते हैं। ये किसी भी बात को गुप्त नहीं रख सकते, इनमें धैर्य की बड़ी कमी पाई जाती है। पुरानी पद्धतियों रीति—रिवाज एवं दकियानूसी ख्याल इन्हें पसंद नहीं। ऐसे व्यक्ति प्राय: समूह के साथ रहना पसंद करते हैं। यह शारीरिक श्रम की अपेक्षा मानसिक श्रम में विश्वास रखते हैं। ऐसे लोग यात्राएं बहुत करते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘एफ’ अक्षर से शुरू होता है वह सच्चे, ईमानदार, उदार तथा परोपकारी होते हैं। इन्हें दूसरों की सेवा करना अच्छा लगता है। यह अपनी हर जिम्मेदारी सुचारू रूप से पूर्ण व्यवस्था के साथ निभाते हैं। समाज एवं परिवार की बुराईयों को दूर करना इनका मुख्य उद्देश्य होता है। इन्हें रहस्यमयी पुरानी, ऐतिहासिक वस्तुएं तथा संबंधित विषय खूब भाते हैं। देर—सवेर समाज में अपना विशेष स्थान अवश्य बनाते हैं। ऐसे जातक घरेलू कार्यों में अधिक रुचि लेते हैं। परिवार को सुचारु रूप से केसे चलाया जा सकता है, कोई इनसे सीखे। इनका जीवन एक तरह से समाज और परिवार की धरोहर होता है। ये सच्चे प्रेमी, ईमानदार, मधुर व्यवहारी एवं परोपकारी होते हैं। इनमें नेतृत्व शक्ति की प्रमुखता होती है। ऐसे जातक रहस्यवादी, जटिल व्यक्तित्व के धनी होते हैं। इनके जीवन में इतने अधिक परिवर्तन होते हैं कि कौन—सी घटना कब घट जाएगी, इसका आभास नहीं होता है। जीवन के प्रति इनका दृष्टिकोण भौतिकवादी होता है। ये अपने भाग्य पर ज्यादा विश्वास नहीं रखते। इनकी प्रतिभा अंतर्मुखी होती है। ये लोग सांसारिक भोग—वलास में लिप्त होते हुए भी, उच्च श्रेणी के दार्शनिक, सत्य वक्ता व योगी हो सकते हैं। या तो ऐसे लोग बहुत अधिक बोलेंगे या एकदम चुप्पी साधे हुए अतिगंभीर स्वभाव वाले होंगे। इनके गुस्से का सामना अच्छे—अच्छे हिम्मत वाले व्यक्ति भी नहीं कर पाते। जीवन का व्यवहारिक ज्ञान जितना अधिक इन्हें होता है उतना दूसरों को नहीं। ऐसे जातक सेवाभावी होते हैं, नौकरी से इनको घृणा नहीं होती। इन लोगों में बाहरी प्रेम प्रदर्शन की आदत नहीं होती, इस कारण बहुत से लोग इन्हें कठोर समझते हैं, परन्तु वास्तव में ये ऐसे होते नहीं हैं।
जिन जातकों का नाम ‘जी’ अक्षर से शुरू होता है वह बहुत ही संयम और आत्मविश्वास से भरे होते हैं। सात्विक्ता, सत्यता एवं दूरर्दिशता इनके विशेष गुण होते हैं। इनके व्यक्तित्व में गजब का आकर्षण होता है खासकर इनकी वाणी और वार्तालाप का ढंग लोगों को न केवल आर्किषत करता है बल्कि लोग इनके बताए मार्गों एवं सिद्धान्तों का पालन भी करते हैं। यह किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उसकी पूर्ण योजना बनाते हैं फिर काम को अंजाम देते हैं। यह उसूलों, कत्र्तव्यों एवं जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देते हैं। इनके व्यक्तित्व में कुछ ऐसी विशेषता होती है कि लोग इनकी तरफ खिचे चले आते हैं। शत्रु भी शत्रुता भूल जाता है और मित्रता करने को आतुर दिखाई देता है। ये आडम्बरों को परे रखकर जीवनयापन करते हैं। सादगी, शिष्टता के पुजारी, नवीन सभ्यता के जन्मदाता कहे जाते हैं। हर कार्य योजनाबद्ध करने का इनका स्वभाव होता है। इनके व्यक्तित्व में आकर्षण होता है और लोग स्वत: ही इनकी ओर खिचे चले आते हैं। ये लोग दूसरों के गुप्त रहस्य को पचाने की शक्ति रखते हैं एवं मूलत: परोपकारी होते हैं। ऐसे जातक योजनाबद्ध तरीके से काम करना पसंद करते हैं। सफलता, सादगी, सच्चाई एवं शिष्टता इनके जीवन के मूलभूत गुण होते हैं। ये बहुत ही गहरे विचारों वाले गंभीर स्वभाव के व्यक्ति होते हैं तथा हमेशा कोई—ना—कोई विषय को लेकर सोचते रहते हैं। लड़ाई, तर्व, वाद—विवाद में इनकी रूचि बिल्कुल नहीं होती। ऐसे व्यक्ति कुछ हद तक आत्मकेन्द्रित व डरपोक होते हैं। इनका व्यक्तित्व बहुमुखी होता है। इनके आमदनी के जरिए तीन—चार प्रकार के होते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘एच’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वह बहुत ही महत्वकांक्षी काल्पनिक एवं ऊँचे—ऊँचे ख्वाब देखने वाले होते हैं। अपने मतलब या लक्ष्य की र्पूति के लिए यह कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। जरूरत से ज्यादा चतुर एवं नीति प्रिय होते हैं। संग्रह करना और योजनाएँ बनाना इन्हें अच्छा लगता है। ऐसे लोग परिश्रम से बचते हैं परन्तु प्रदर्शन ऐसा करते हैं कि इनसे ज्यादा कोई मेहनती नहीं। यह स्वयं को तत्काल बदलने का गुण भी जानते हैं। यह दिखने में प्रभावशाली और प्रिय होते हैं। ऐसे व्यक्ति पक्के स्वार्थी, लालची, चापलूस तथा आवश्यकता से अधिक होशियार एवं समझदार होते हैं। ये काम कम और बातें अधिक उक्ति पर विश्वास करते हैं। श्रम करने की अपेक्षा ये श्रम करने का दिखावा—अधिक करते रहते हैं। अपने से अधिक किसी को भी अकलमंद नहीं समझते। कुछ ऐसा दिखावा—ढोंग रखेंगे कि देखने वाला इन्हें कार्य में व्यस्त देखे। यह जरूरत से ज्यादा समझदार होते हैं परन्तु अपने स्वार्थ में ज्यादा उलझे रहते हैं। ऐसे व्यक्ति प्रबल महत्त्वाकांक्षी होते हैं तथा येन—केन प्रकारेण उन्नति की ओर आगे बढ़ना चाहते हैं। ऐसे व्यक्ति धनबल से युक्त, कवि हृदय, संगीत प्रेमी और कोमल हृदय के कामुक मनोवृत्ति वाले जातक होते हैं। ऐसे जातक तीव्र बुद्धिशाली होते हैं तथा अक्ल के मामले में किसी अन्य व्यक्ति पर ज्यादा विश्वास नहीं करते। ऐसे जातक वाकपटु होते हैं तथा बातों—ही—बातों में दूसरे व्यक्ति को मोहित करके, अपना काम निकालने में दक्ष होते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘आई’ अक्षर से आरंभ होता है वह बुद्धिमान और समझदार होते हैं। इनके अंदर सदा कुछ करने का जुनून रहता है। यह कभी भी खाली नहीं बैठते। अपनी ऊर्जा को किसी न किसी रचना का हिस्सा बनाते रहते हैं। इन्हें अधूरा ज्ञान अधूरी बात कतई पसंद नहीं। हर चीज पर पूर्ण अधिकार की इच्छा रखने वाले आत्मविश्वासी एवं तेजस्वी होते हैं। इनकी आवाज व बोलने का प्रवाह लोगों को खूब भाता है। अपनी इसी विशेषता के चलते यह जीवन में विशेष सफलताएँ प्राप्त करते हैं। ये अपने जीवन में ‘आराम हराम है’ की कहावत को प्रधानता देते हैं और सच्चे कर्मठ तथा श्रमिक कहलाए जाते हैं। किसी भी कार्य को पूरी लग्न और तत्परता से पूर्ण करते हैं। आलसी व्यक्तियों एवं आलस्य से इन्हें घृणा होती है। ये अनावश्यक बातें नहीं करते। जो कुछ कहेंगे वह ठोस तथा प्रामाणिक होगा। इनमें अकेले आगे बढ़ते रहने की अद्वितीय प्रतिभा होती है। ये चुनौतियों को स्वीकार करते हैं एवं साहस के साथ—साथ प्रतिकुल परिस्थितियों से मुकाबला करने में माहिर होते हैं। आप लोगों में सहन—शक्ति उत्तम कोटी की होती है। जीवनी शक्ति जितनी आप लोगों में है, उतनी अन्य लोगों में कम ही पाई जाती है। ऐसे जातक अपने कार्य में कम—से—कम हस्तक्षेप चाहते हैं। इन्हें आगे बढ़ते रहना ही पसन्द होता है। अस्त—व्यस्तता, पूहड़पन व शिथिलता आपको पसंद नहीं। ये लोग खाली बैठ ही नहीं सकते क्योंकि खाली समय इन्हें काटने को दौड़ता है। ऐसे लोगों का जीवन व्यष्टि के लिए न होकर समष्टि के लिए होता है।
जिन जातकों का नाम ‘जे’ अक्षर से आरंभ होता है वह प्रतिभाशाली, खुले विचारों वाले, दूरदर्शी होते हैं। ज्ञान की बात करना तथा ज्ञान इकट्ठा करना दोनों में इनकी रूचि होती है। इनके साफ—साफ और सच कहने की, सुनने की, आदत के कारण इन्हें जीवन में बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इनकी योजनाएँ भी इन्हीं कर तरह अद्भुत होती हैं। इनका संग साथ सभी को भाता है लेकिन यह दूसरों को बहुत सोच समझकर चुनते हैं या पसंद करते हैं। ये उदार प्रकृति, विशाल हृदय, स्वतंत्र विचारों के धनी होते हैं। छोटी—मोटी बातों पर ध्यान नहीं देते। मौलिकता इनके जीवन का सच्चा गुण होता है। खरी—खोटी ये कह नहीं सकते। ऐसे जातकों में विकास की शक्ति छिपी होती है तथा यह विशाल हृदय के जातक होते हैं। यह सोच—समझ कर निर्णय लेते हैं तथा मन में अंतद्र्वंद्व चलता रहता है। ऐसे जातक उन्मुक्त विचारों वाले होते हैं, संकीर्णता इन्हें पसंद नहीं होती त्याग एवं नेतृत्व शक्ति की भावना भी इनमें विशेष होती है। यह भी देखा गया है कि जीवन की अंतिम अवस्था में पहुँचते—पहुँचते इन्हें संसार से विरक्ति हो जाती है और कई बार ये वैराग्य धारण कर, गृहस्थ में रहते हुए भी जल में कमल की तरह र्निलप्ति, र्निवकार होकर त्यागी हो जाते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘के’ अक्षर से आरंभ होता है उनका अधिकतर जीवन संघर्ष में ही बीत जाता है। इन्हें छोटी—छोटी चीजों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता। ऐसे लोग एक जगह व एक स्थिति में ज्यादा देर तक टिककर नहीं बैठ सकते। इन्हें दूसरों पर न तो विश्वास करना आता है न ही विश्वास जीतना। इनकी लापरवाही ही इनके लिए मुसीबत बन जाती है इन्हें चाहिए कि जीवन को संजीदगी से लें तथा भीतर स्थिरता पैदा करें। इनके जीवन में उत्थान—पतन, उतार—चढ़ाव आते ही रहते हैं। ये प्रत्येक कार्य, बात का नकारात्मक पक्ष देखते हैं और इसीलिए प्राय: निराशावादी हो जाते हैं। जीवन के प्रति इन्हें कोई खास लगाव नहीं होता। ऐसे व्यक्ति का मस्तिष्क उर्वरक होता है पर इनका जीवन काफी संघर्षमय होता है। ऐसे व्यक्ति प्रत्येक वस्तु को संदेह व शंका की दृष्टि से देखते हैं। हंसमुख एवं मिलनसारिता इनके जीवन के प्रमुख अंग हैं। शत्रु को परास्त करने में भी इनका कोई मुकाबला नहीं। इनमें लोगों को आंदोलित करने की एक विशेष शक्ति छिपी होती है। ऐसे जातक सच्चे मित्र साबित होते हैं तथा अंतिम दम तक जी जान से दोस्ती निभाते हैं। यह लोग प्राय: दृढ़ विचारों वाले नहीं होते। एक बात के विषय में पक्का विचार करते हैं और फिर उसमें परिवर्तन कर देते हैं और फिर दूसरी कोई नई योजना बनाने लगते हैं। धैर्य और अध्यवसाय की कमी के कारण जिस बात पर विचार करते हैं उसे पूरा नहीं करते। इनमें आत्म—विश्वास की बड़ी कमी होती है, थोड़ी—सी निराशा से उदासीन हो जाते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘एल’ अक्षर से होता है वह उच्च विचारों वाले, व्यवस्थित एवं अनुशासन प्रिय होते हैं तथा हर कार्य योजना के तहत करते हैं। यह दार्शनिक विचारधारा वाले गंभीर प्रवृत्ति के होते हैं। अपनी महत्त्वकांक्षा एवं स्वाभिमान के प्रति बड़े सतर्व रहते हैं। इन्हें जीवन में रुकना या पीछे मुड़ना पसंद नहीं होता। इनका गूढ़विद्या एवं अध्यात्म आदि में विशेष रुझान होता है। इनके व्यक्तित्व एवं व्यवहार में विशेष प्रकार की शालीनता होती है। ऐसे जातक धुन के पक्के व कई विशेष उपलब्धियाँ लिए होते हैं। यह दार्शनिक, भावुक एवं दयालु होते हैं। ये श्रेष्ठ विचारक एवं न्यायी होते हैं। इनका लक्ष्य मात्र उन्नति करना, आगे बढ़ना होता है। इनके विचार सुलझे हुए होते हैं। प्रत्येक कार्य योजनाबद्ध करते हैं। ऐसे व्यक्ति रिजर्व नेचर के होते हैं। विद्वानों एवं श्रेष्ठ जनों की संगति पसंद करते हैं। ऐसे जातक भावुक, परोपकारी एवं दार्शनिक मनोवृत्ति वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति विद्याध्ययन में विशेष रूचि रखते हैं। संघर्षशील प्रवृत्ति इनके जीवन की निजी विशेषता कही जा सकती है। ऐसे लोग वाद—विवाद एवं बौद्धिक स्पर्धा में सदैव बढ़—चढ़कर भाग लेते हैं। यदि यह व्यक्तिगत राग—द्बेष से लिप्त न हो तो ये बहुत बड़े लेखक, दार्शनिक व समाज चितक साबित हो सकते हैं। ऐसे व्यक्ति स्वाभिमानी होते हैं। इनको क्रोध शीघ्र आता है। जल्दी बोलना, अकाट्य तर्व प्रस्तुत करना, अपनी लेखनी या वाणी से दूसरों को वशीभूत करना इनकी निजी विशेषता कही जा सकती है। इनकी आजीविका का साधन अध्ययन—अध्यापन, लेखन—प्रकाशन, अन्वेषण, अनुसंधान, शोध—कार्य, राजनीति व र्धामक सामाजिक क्रिया—कलापों के इर्द—गर्द होता है। रुपयों—पैसों का इनके जीवन में खास महत्त्व नहीं होता, ये सैद्धान्तिक जीवन जीना पसन्द करते हैं। ये नैतिक मूल्यों पर आधारित आदर्श जीवन जीना चाहते हैं तथा चरित्र की उज्ज्वलता पर विशेष ध्यान देते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘एम’ अक्षर से प्रारंभ होता है वह सादगी पसंद होते हैं तथा जरूरत से ज्यादा ही सभ्य सुसंस्कृत एवं उच्च विचार वाले होते हैं। इनका यही स्वभाव इनके लिए कई बार रुकावट बन जाता है तथा कभी व्यवहारिक जीवन नहीं जीने देता। इनके जीवन में उत्थान कम पतन अधिक होते हैं तथा जीवन घटनाओं से भरा होता है ऐसे जातक स्वयं को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं तथा यही सिद्ध करने की कोशिश भी करते हैं। इन्हें लोगों से यह शिकायत रहती है कि वह इन्हें नहीं समझ पाते। कार्य कोई भी हो, वैसा भी क्षेत्र हो ये प्रसिद्धि एवं लोकप्रियता की चोटी पर पहुँचे दिखाई देंगे। ये सज्जन, सदाचारी, सभ्य—सुसंस्कृत होते हैं। पवित्र विचारों वाले ये जातक सदा जीवन के प्रेमी होते हैं। कभी—कभी सादगी इनके जीवन का अभिशाप बन जाती है। ये गोपनीयता पर काफी जोर देते हैं। यह खरी—खरी कहने में भी ये अग्रणी रहते हैं। ऐसे व्यक्ति आसानी से किसी को मित्र नहीं बनाते परन्तु बनाते हैं तो अपनी ओर से जीवन भर उस रिश्ते को निभाते हैं। ऐसे जातक जीवन का क्षणभंगुर मानते हैं। इनका व्यक्तित्व रहस्यमयी होता है। इनका स्वभाव विचार, कल्पना शक्ति, कार्य करने की शैली सब कुछ प्रभावशाली होती है। मित्र बनाने की कला आप में निपुण होते हैं। आप मित्र बनाएंगे भी परन्तु वह मित्र जिन्हें आप धीरे—धीरे चाहने लगेंगे वह आप से द्वेष करने लगेंगे। कभी—कभी धैर्य की कमी आपको संकट में डाल सकती है परन्तु धीमी गति की जिदगी आपको पसंद नहीं। ऐसे जातक तेजस्वी होते हैं। यह अपनी आलोचना को बर्दाश्त नहीं कर पाते। ऐसे जातक कोई भी कार्य को बहुत ही तेजी से निपटाकर वाहवाही लूटना चाहते हैं। इन्हें बड़प्पन के प्रदर्शन का शौक होता है तथा बिना मांगे सलाह दे बैठते हैं, यह इनकी सबसे गंभीर कमजोरी है। जब ये त्याग पर उतर जाते हैं तो इनसे बड़ा त्यागी कोई नहीं होता।
जिन जातकों का नाम ‘एन’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वह सुलझे हुए अपने कत्र्तव्यों का पालन करने वाले जिम्मेदार लोग होते हैं लेकिन इन्हें जीवन यापन करने के लिए भयंकर संघर्ष करना पड़ता है। कार्यों में विघ्न इनके भीतर प्रबल साहस को जन्म देता है जिसके कारण यह बिना रूके अपने लक्ष्य के प्रति लगातार अग्रसर रहते हैं। अद्भुत प्रतिभाशाली अपने धुन के पक्के होते हैं तथा दोस्त बनाने और दोस्ती निभाने में सबसे आगे होते हैं। ऐसे लोग नि:स्वार्थ भाव से सेवा करते हैं तथा शुद्ध एवं सरल जीवन जीना पसंद करते हैं। यह प्रभावशाली व्यक्तित्व लिए होते हैं जिसके कारण यह अपरिचित से अपरिचित मनुष्य को भी मित्र बना लेते हैं। ये संघर्षरत रहकर कठिनाइयाँ झेलते हैं। अपने व्यक्तित्व की महानता एवं परिश्रमी प्रवृत्ति के कारण अन्त में सफलता प्राप्त कर ही लेते हैं। ऐसे जातकों के जीवन में कोई भी काम आसानी से संपन्न नहीं होता। ये अनजान से अनजान व्यक्ति को फौरन मित्र बना लेते हैं। एक बार मित्र बना लेने के बाद प्रयास करते हैं कि उनकी मित्रता जीवन पर्यंत निभ जाय। इनका जीवन व्यस्त होता है और इनका व्यस्त जीवन कई बार परेशानी का कारण बन जाता है। विघ्न—बाधाओं को झेलने में ये बड़े माहिर होते हैं। दर्द सहते हैं पर मुंह से उफ तक नहीं निकालते। ऐसे जातक अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा देते हैं।
जिन जातकों का जन्म ‘ओ’ अक्षर से प्रारम्भ होता है उनके जीवन में अचानक और जबर्दस्त उत्थान—पतन होता है। ऐसे जातक बहुत ही साहसी और निडर होते हैं हारने या टूटने के बाद भी पुन: संभलने व उठने का दम रखते हैं। यह अपने जीवन को व्यर्थ गंवाना नहीं चाहते इसलिए सदा कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो किसी ने न किया हो। सच तो यह है इन्हें साधारण स्थिति या कार्य से संतोष भी प्राप्त नहीं होता। यह सबका ध्यान अपनी ओर केन्द्रित करने की इच्छा रखते हैं। इनको सीमा में बांधना मुश्किल है। यह सदा अपने से उच्च, विद्वान एवं विद्वान आदि से ही सम्पर्वâ साधना पसन्द करते हैं। इनमें आकस्मिक रूप से ऊपर उठने की तीव्र इच्छा बनी रहती है। इनके जीवन का उत्तराद्र्ध पूर्वाद्र्ध की अपेक्षा अधिक सुखी एवं सम्पन्न होता है। हिम्मत हारना ये जानते ही नहीं। निरन्तर उतार—चढ़ाव इनके जीवन में बने रहते हैं। विचित्रता के प्रतिनिधि इन जातकों के काफी तादाद में मित्र होते हैं, परन्तु विरोधी एवं शत्रुओं की भी कमी नहीं होती। ऐसे जातक वैज्ञानिक बुद्धि सम्पन्न होते हुए भी आत्मा केन्द्रित होते हैं। ऐसे जातक पूर्णत रहस्यवादी एवं आध्यात्मिक होते हैं। इनमें अपनी आत्मप्रशंसा व दूसरों पर हावी होने की प्रवृत्ति होती है। ये किसी अन्य की प्रशंसा सहन नहीं कर पाते।
जिन साधकों का जन्म ‘पी’ अक्षर से प्रारम्भ होता है यह परोपकारी, दयालु, धार्मिक एवं कोमल हृदय वाले होते हैं। यह किसी दूसरे को परेशान नहीं देख सकते। इन्हें सदा शांत एवं प्राकृतिक हरा—भरा वातावरण भाता है। यह बहुत ही संतुलित एवं आत्मनियन्त्रित होते हैं। इनका जीवन मंदगति से चलता है। यह भले ही कितने कष्ट में हो लेकिन सदा स्वयं को खुश व संतुष्ट दिखाते हैं। न किसी की बुराई करते हैं न किसी की बुराई सुनते हैं। इनके जीवन में कोई न कोई उथल पुथल चलती ही रहती है। इनमें क्रोध व हिसा की प्रवृत्ति कम ही पाई जाती है तथा इनमें गजब की सहन शक्ति देखी जाती है। ऐसे जातक अपने हृदय में अनेक रहस्यों को छुपाए हुए होते हैं। ये दयालु प्रकृति के, दूसरों के सुख—दुख में शामिल होने वाले होते हैं। कितनी भी कठिनाइयाँ हों, दुख—तकलीफ हों, इनके मस्तिष्क पर विशाद की रेखा नहीं खचती। ये श्रेष्ठता के प्रतीक, सच्चे कर्मठ होते हैं। ऐसे व्यक्ति के जीवन की आधी आयु संपन्नता के साथ एवं आधी आयु विपन्नता के साथ बीतती है। ऐसे जातक परम बुद्धिजीवी होते हैं, स्वतंत्र व्यवसाय या व्यापार इन्हें पसन्द होता है। यह दयालु प्रकृति के, दूसरों के सुख—दुख में हिस्सा लेने वाले आशावादी होते हैं तथा शत्रु के प्रति विनम्र एवं क्षमाशील होते हैं। ऐसे जातकों पर सोहबत का असर ज्यादा होता है। ये अतिभावुक हो जाते हैं तथा भावनाओं में बहकर कई बार सिद्धान्त एवं यथार्थ को भूल जाते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘क्यू’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वह बड़े ही तेजस्वी एवं प्रभावशाली होते हैं। इनका स्वभाव बादशाह की तरह स्वतन्त्र व निर्बाध होता। यह अच्छे प्रशासक होते हैं तथा अपने पद एवं परिस्थितियों को बड़ी कुशलता के साथ निभाते हैं। इनके विचार, सिद्धान्त, लक्ष्य और कल्पना बहुत ही ऊँचे होते हैं। स्वभाव में जल्दबाजी एवं घमंड इनके कई काम व सम्बन्ध बिगाड़ देते हैं। यह अपने सिद्धान्तों के पक्के और इनके पीछे जीते—मरते हैं। ये श्रेष्ठ विचारक होते हैं, जो कुछ विचार कर लेते हैं उसी पर स्थिर रहते हैं। ये सच्चे ईमानदार एवं सहृदयी होते हैं। शांति, गंभीरता एवं भावुकता इनके जीवन के विशेष अंग हैं। उतावलापन इनमें नहीं होता। जहां किसी के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करते वहां ये भी नहीं चाहते कि कोई इनके कार्य में हस्तक्षेप करे। ऐसे जातक आत्मसंयमी होते हैं। इनका जीवन काफी व्यवस्थित रहता है। ये शत्रु होकर मित्र भी बन जाते हैं पर हृदय में गांठ रखते हैं अत: ऐसे लोगों से बचकर रहने में ही समझदारी है। ये जो कुछ कहते हैं, उसे कर दिखाते हैं। किसी के सहयोग के बिना इनकी संकल्प—शक्ति एवं मानसिक विकास आधा—अधूरा रहता है।
जिन जातकों का नाम ‘आर’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वह बड़े ही गुणी, हुनरवान और चतुर होते हैं। यह अपनी बातों से किसी को भी अपना बनाकर अपना काम निकलवाना अच्छी तरह जानते हैं। यह बिना किसी प्रशिक्षण के किसी दूसरे के गुणों को चुराने में निपुण होते हैं। यह दूसरे से ज्यादा स्वयं को प्रेम करते हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य का भी बेहद ख्याल रखते हैं। प्रारम्भिक काल से ज्यादा उसके बाद का समय इनके अधिक हितकर होता है जिसमें इन्हें मान—सम्मान एवं सुख वैभव भी प्राप्त होता है। ऐसे जातक एक साथ मन में कई विचार एवं लक्ष्य रखते हैं जिसके कारण कई बार इन्हें हानि भी होती है। यह जातक श्रेष्ठ व्यक्तित्व के धनी, प्रभावशाली, मधुरभाषी होते हैं। अपने उच्चाधिकारी अथवा किसी से कार्य बा लेना इनके बायें हाथ का खेल है। जैसे—जैसे इनकी आयु बढ़ती है वैसे—वैसे ये जीवन में मान—प्रतिष्ठा, पद, इज्जत—सम्मान में अधिकाधिक वृद्धि कर लेते हैं। ये पक्के स्वार्थी होते हैं। स्वार्थ साधन के पश्चात् प्रत्युपकार करने में भी ये कभी पीछे नहीं रहते। दूसरों को परख लेने की इनमें अद्भुत कला होती है। ये परिश्रमी और लग्नशील होते हैं। ऐसे जातक श्रेष्ठतम व्यक्तित्व के धनी, आकर्षक, सौम्य, मधुर एवं मिष्टभावी होते हैं। ऐसे व्यक्ति शांति प्रिय होते हुए भी अपनी आलोचना नहीं कह पाते। यह गुणग्राही प्रकृति के धैर्यवान एवं मिलनसार होते हैं। उतावलापन इन्हें पसन्द नहीं होता।
जिन जातकों का नाम का ‘एस’ अक्षर से शुरू होता है वह बहुत ही मिलनसार, बहिर्मुखी, हंसमुख, विलक्षण एवं विभिन्न प्रतिभाओं के धनी होते हैं। इनके मिलने—जुलने वालों का दायरा बहुत बड़ा होता है। यह तीव्र बुद्धि वाले तथा समझदार होते हैं। यह प्यार और नफरत दोनों ही बड़ी संजीदगी से निभाते हैं। इन्हें निर्णय लेने में वक्त लगता है। यह बहुत ही वफादार, और सुलझे हुए व्यक्ति होते हैं। आत्मिंचतन, अभ्यास, शोध, लेखन तथा रहस्यमयी जीवन को जीना आदि इन्हें अच्छा लगता है। यह हर तरह के सामूहिक कार्यों में बढ़—चढ़कर हिस्सा लेते हैं। ये हंसमुख, विनोदी प्रकृति के होते हैं। ये अपनी जिम्मेदारी के प्रति निष्ठावान होते हैं। अपने उच्च पदाधिकारी और मालिक के प्रति पूर्णरूप से वफादार होते हैं। खुद कष्ट सहकर अन्यों को सुख देना इन्हें अच्छा लगता है। लोकप्रियता पाने का लोभ ये छोड़ नहीं सकते। ज्यादा से ज्यादा जन—सम्पर्व बनाए रखने का प्रयत्न करते हैं। धन र्अिजत करने की अपेक्षा ये विद्या ज्ञान, एवं अनुभव र्अिजत करना अधिक पसन्द करते हैं। यह अक्षर वैराग्य का भी प्रतीक है। ऐसे जातक का व्यक्तित्व खुला हुआ होता है तथा ये पक्ष विपक्ष दोनों बात धैर्य पूर्वक सुनते हैं। तथा प्राय: हंसमुख व मिलनसार होते हैं। सामूहिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में बड़े उत्साह के साथ बढ़—चढ़कर भाग लेते हैं। ऐसे व्यक्ति को पूर्वाभास शीघ्र होता है। ऐसे व्यक्ति सत्य के लिए, अपने सिद्धान्तों की रक्षा हेतु जान पर भी खेल जाते हैं। इनको किताबी ज्ञान के अलावा अनुभवों का ज्ञान अधिक होता है। यह अपने क्षेत्र के स्वयंभू नेता होते हैं। इनका पारिवारिक जीवन प्राय: कलहपूर्ण होता है।
जिन जातकों का ना ‘टी’ अक्षर से होता है वह ऊर्जावान, शक्ति का भंडार होते हैं तथा अपने आप में इन्हें पूर्ण विश्वास होता है। यह संतोषी व दृढ़ संकल्पी होते हैं तथा तरह—तरह की योजनाओं में खोए रहते हैं। यह अपने अच्छे कार्यो एवं सुख के दिनों में सबको भागीदार बनाते हैं परन्तु अपने गम व कष्ट अकेले ही सहते हैं। इनकी कल्पनाशक्ति, प्रबन्ध शक्ति, एवं कार्य करने की प्रणाली गजब की होती है। इन्हें भगवान में खास विश्वास होता है इसलिए यह प्रकृति हो या देश सभी के प्रति अपना अगाध प्रेम प्रकट करते हैं। ऐसे जातक निष्काम कर्मयोगी और ईमानदार होते हैं तथा एक अच्छा सुखपूर्ण जीवन जीते हैं। यह स्वतन्त्र एवं त्वरित निर्णय वाले होते हैं। कोई कुछ भी कहे, सुनते सबकी हैं परन्तु करते वहीं हैं जो ये चाहते हैं, ये आत्मविश्वासी होते हैं। अपनी उन्नति के लिए ये सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। किसी गलत तरीके से उन्नति लाभ करना इन्हें पसन्द नहीं होता। यह छोटे से छोटा काम करने में भी नहीं हिचकते। यह स्वतन्त्रता—प्रय होते हैं। यह समाज में अपनी पहचान अलग से बनाते हैं। ऐसे जातक न्यायप्रिय होते हैं एवं दिव्य शक्ति से ओत—प्रोत होते हैं। ऐसे जातक बहुआयमी व्यक्तित्व के धनी होते हैं तथा चहुंमुखी विकास करते हैं। इनका विश्वास काम करते रहने में है, फल की चिता यह कम करते हैं। शत्रु के रूप में खतरनाक एवं मित्र के रूप में परमहितैषी होते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘यू’ अक्षर से आरम्भ होता है। वह प्रखर बुद्धि वाले तथा नए विचारों वाले खुले मिजाज के होते हैं। साधारण लोगों की तुलना में इन लोगों का मस्तिष्क कुछ अधिक ही तीव्रता एवं विचित्रता से काम करता है। ऐसे लोगों को चाहिए कि अपने विचारों एवं योजनाओं को गुप्त रखें वरना काम बनने से पहले बिगड़ सकता है। ऐसे जातक सदा नई—नाई खोज में लगे रहते हैं तथा नवीनता के प्रति ही आर्किषत होते हैं। इन्हें सच और साफ कह देने की आदत होती है तथा अपने भाग्य एवं भविष्य की कोई चिता नहीं होती। यह सुलझे विचारों के धनी होते हैं। सत्य की खोज के लिए ये प्राणाहुति तक दे सकते हैं। रूढ़िवादिता को ये पंसद नहीं करते जीवन के हर क्षेत्र में सबसे अलग—थलग इनके विचार होते हैं। व्यवहार अपनी आयु से आगे का रहता है। भेद को अन्तर्मन में छिपाकर रखना कोई इनसे सीखे। भविष्य की ये चिन्ता खुद नहीं करते, ईश्वर अर्पण कर देते हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरों की गुप्त बातों को पचाने की पूर्ण शक्ति रखते हैं। यह बहुत गहरे होते हैं। इनमें समर्पण की भावना कुछ विशेष रहती है। इनके विचार सोचने की शैली आम आदमी से हट कर होती है। भविष्य की चिता यह नहीं करते और सब कुछ ईश्वर एवं भाग्य पर छोड़ देते हैं। यह लोग नाजुक मिजाज के शृंगार प्रिय होते हैं। यह शारीरिक श्रम के बजाय मानसिक श्रम में ज्यादा विश्वास रखते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘वी’ अक्षर से आरम्भ होता है वह तेजस्वी, आलस्य से दूर स्फूर्ति वाले एवं शक्ति सम्पन्न होते हैं, यह न केवल अपना आदर—सत्कार एवं मान—सम्मान आदि विशेष रूप से चाहते बल्कि दूसरों के भी आदर—सत्कार एवं मान—सम्मान का विशेष ख्याल रहते हैं। यह सदा ऊपर उठने की कोशिश में प्रयत्नशील रहते हैं। महत्वाकाक्षांओं से परिपूर्ण यह लोग चाहते हैं कि लोग इनकी व इनके कार्य की चर्चा करें। जीतना इनका जुनून होता है तो हारना इन्हें मृत्यु तुल्य लगता है। सोच—समझकर बोलने वाले यह जातक बहुत ही सहनशील एवं संवेदनशील भी होते हैं। अपने आप को सदा श्रेष्ठ या सही समझने का अहम भाव इनको कई बार नुकसान में भी डाल देता है । यह जहाँ अपने मान, प्रतिष्ठा सम्मान की रक्षा करते हैं वहाँ दूसरों के मान—सम्मान को भी ठेस नहीं पहुँचाते । जो कुछ ये कर देते हैं या कर रहे होते हैं लोग उसकी हृदय से सराहना करते हैं। इनका समझाने का एक विशेष ढंग होता है जिससे लोग प्रभावित होते हैं । यह धन और पद प्राप्ति के लिए बहुत ही संघर्ष करते हैं। यह सारी दुनिया की चिता रखते हैं। जानकारी का इनके पास भंडार होता है इसलिए यह कुशल पत्रकार, जनसंपर्व अधिकारी, नेता एवं मंत्री साबित हो सकते हैं। ऐसे जातकों का मस्तिष्क उर्वरक होता है, कल्पना—शक्ति अति तीव्र होती है। यह जी जान से दूसरों का सम्मान करते हैं तथा बदले में ऐसा ही चाहते हैं । यह प्रेम के भूखे होते हैं, कोई इनसे प्रेम के दो मीठे बोल बोलकर इनका सब कुछ ले सकता है । पर अपने शत्रु को परास्त करने की जबर्दस्त क्षमता रखते हैं ।
जिन जातकों का नाम ‘डब्ल्यू’ अक्षर से आरम्भ होता है वह अदम्य उत्साह साहस एवं शक्ति के प्रतीक होते हैं। जोखिम उठाना एवं खतरों से खेलना इन्हें खूब भाता है। यह अपने साहस की परीक्षा स्वयं ही लेते रहते हैं तथा हर आने वाली परिस्थिति के लिए अपने आप को तैयार करते रहते हैं। ऐसे लोगों को एक जगह पर टिकना पसन्द नहीं होता। इन्हें रोमांच भरी यात्राएँ आर्किषत करती हैं। कभी खाली मत बैठो सदा कुछ न कुछ करते रहो यही इनके जीवन का मूल मंत्र होता है। ऐसे लोग यदि अपनी जिद पर आ जाएं तो असंभव को भी संभव बना देते हैं। यह परिश्रमी, धैर्यवान तथा कर्मठता के प्रतीक माने जाते हैं। ये जोखिम भरे कार्य करने में हिचकिचाते नहीं अपितु उल्टे आनन्द का अनुभव करते हैं। ये बेहद पुर्तीले होते हैं। आलस्य इनसे दूर भागता है। हर क्षण, हर बात, हर कार्य को चुनौती के रूप में मानकर लेते हैं। ये किसी से हार नहीं मानते, किसी के सामने झुकना पसन्द नहीं करते। ऐसे जातक रति—क्रिया, काम शास्त्र के पंडित होते हैं। संसार में अधिक सुख भोगने की, ऐश्वर्यशाली प्रसाधनों को प्रयोग करने की इनमें रुचि होती है। ऐसे लोगों को शृंगार प्रिय व साफ—सुथरे रहने की आदत होती है। इन्हें गुप्तचरी का बहुत शौक रहता है तथा दूसरों के रहस्य के बारे में जानने को यह आतुर रहते हैं। ऐसे लोग जरूरत से ज्यादा आशावादी होते हैं। ऐसे लोगों की उठक—बैठक अपने से ऊँचे लोगों के बीच हुआ करती है। यह बहुत पुâर्तीले होते हैं तथा आलस्य इनके पास फटकता भी नहीं है। असंभव कार्य करने के लिए यह जूझ पड़ते हैं। इनके गुप्त शत्रु बहुत होते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘एक्स’ अक्षर से आरम्भ होता है वह बहुत ही विचित्र एवं अस्थिर बुद्धि वाले होते हैं। अपनी जिम्मेदारियों से भागने वाले,मस्त, आलसी एवं लापरवाह प्रवृत्ति के होते हैं। दिखावा करना, डींग मारना इनकी आदत होती है। दूसरों का काम बिगड़ना या उसमें विघ्न डालना इनका स्वभाव होता है। कई बार तो यह अपने बिछाये जाल में खुद ही पंस जाते हैं। समय को कभी महत्त्व न देने की वजह से अधिकतर इन्हें हार या असफलता का मुख देखना पड़ता है। वास्तविकता से ये कोसों दूर रहते हैं, लापरवाह तथा आलस्य से इनकी घनिष्ठ मित्रता होती है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में दिक्कतें बहुत आती हैं और वह सदा असमंजस की स्थिति में रहते हैं। यह कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं। व्यावहारिक जीवन में ऐसे जातक ज्यादा सफल नहीं कहलाते। किसी भी बात पर दृढ़ रहना, इनके स्वभाव में नहीं है।
जिन जातकों का नाम ‘वाई’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वह गम्भीर और विचित्र विचारों वाले व्यक्ति होते हैं। संसार तथा समाज से अलग—थलक अपने सिद्धान्त खुद बनाने वाले तथा उसी का अनुसरण करने वाले होते हैं। इनको व इनकी कार्य प्रणाली को सरलता से नहीं समझा जा सकता। चितन—मनन, भक्ति—उपासना का शौक इन्हें एकांत या जंगल की ओर उकसाता है। इनका यही शौक इन्हें एक दिन संसार से विरक्त का देता है। यह एक प्रकार से आत्मकेन्द्रित लोग होते हैं जो अपने आप में खोए हुए मस्त रहते हैं। ये किसी एक विचार—सिद्धान्त पर अडिग नहीं रहते। विचारों में परिवर्तन करते रहते हैं। वास्तविकता से दूर रहकर ये स्वप्न संसार में विचरते रहते हैं। ऐसे जातक तेजस्वी किन्तु आत्मकेन्द्रित होते हैं एवं अपने कार्य में मस्त रहते हैं। यह देश—काल परिस्थिति को देखकर एवं मौके की नजाकत को समझकर गिरगिट के समान अपना रंग बदलते रहते हैं।
जिन जातकों का नाम ‘जैड’ अक्षर से प्रारम्भ होता है वह बड़े ही जिद्दी एवं क्रोधी स्वभाव के होते हैं। बुद्धि होते हुए भी मूर्खों जैसी हरकतें कर करते हैं। अपनी शत्रुता को या बदले की भावना को लंबे समय तक खींचते हैं। इन्हें लड़ना या मुकाबला करना खूब भाता है। यह नीतियाँ बनाने में निपुण होते हैं। दूसरों की अपेक्षा इनमें अधिक साहस होता है। अपने अपमान को यह जिन्दगी भर नहीं भूलते तथा उसका बदला लेकर ही दम लेते हैं। अपने जीवन में स्वयं का इतना लाभ नहीं मिलता जितना दूसरों को इनसे मिलता है दूसरों के लिए भाग्यशाली साबित होते हैं। यह तुनकमिजाज जल्दबाज हैं। स्वार्थी तथा जिद्दी होते हैं। परन्तु कूटनीति के क्षेत्र में माहिर होते हैं। इनके मित्र कम शत्रु अधिक होते हैं। ऐसे व्यक्ति प्रतिपल कुछ—ना—कुछ सोचते रहते हैं। खाली समय इनको काटने को दौड़ता है। प्राचीन परम्परा व रूढ़िगत मान्यताओं की ओर इनका रुझान नहीं होता। यह लोग मूलत: अपने हर्ष व क्रोध को छिपा नहीं पाते ।