अब तक यही माना जाता रहा है कि जितना अधिक पानी पिएं, स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है किन्तु यदि आपको ८ गिलास पानी पीकर बार बार लघुशंका जाना पड़ता है तो जरा रुकिये। शोधकर्ता हैन्स वॉलटिन के अनुसार इतना पानी पीना आवश्यक नहीं है। हमारे शरीर में जल संचार हेतु एक ऐसी प्रक्रिया चलती है जिससे गुर्दों को पता लग जाता है कि कब तक पानी शरीर में रखना है और जल डीहाइड्रेशन की स्थिति होने वाली होती है तो उससे पहले हमें प्यास लगती है।
जूस और चाय—कॉफी लेने पर भी शरीर की जल की आवश्यकता पूरी होती है। पथरी वाले मरीजों, व्यायाम करने वालों और गर्म क्षेत्रों में रहने वालों को अधिक जल की आवश्यकता होती है। अधिक जल से कोई हानि नहीं होगी किन्तु यदि हम प्यास लगने पर ही पानी पिएं तो हम अधिक सुरक्षित रहेंगे।