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तू भक्ति करके प्रभु की!
June 12, 2020
भजन
jambudweep
तू भक्ति करके प्रभु
तर्ज—मैं चंदन बनकर…………………………………………
तू भक्ति करके प्रभु की, भवसागर तिर जाये।
तू पूजा करके प्रभु की, खुद पूज्य बन जावे।। तू भक्ति…।। टेक.।।
पर निन्दा करने से, निज निन्दा होती है।
तू वन्दन करके प्रभु का, खुद वन्दित हो जावे।।१।।
जो छत्र लगाता प्रभु पर, वह छत्रपति बनता है।
तू चंवर ढुरा के प्रभु पर, शीतलता पा जावे।।२।।
जो नृत्य करे प्रभु सम्मुख, वह धन्य धन्य होता है।
तू गा ले गीत प्रभू के, तो कविवर बन जावे।।३।।
भगवन नहिं देते हैं कुछ, वे वीतराग जिनवर हैं।
तू अपने शुभ कर्मों से, बंधन से छुट जावे।।४।।
‘‘चन्दनामती” यह मानव, सब कुछ पा सकता है।
तू अपने पुरूषारथ से, खुद जिनवर बन जावे।।५।।
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