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चन्दना सुनाती ज्ञानमती की कथा!
June 15, 2020
भजन
jambudweep
चन्दना सुनाती
तर्ज—एक परदेसी मेरा……
चन्दना सुनाती ज्ञानमती की कथा, मोहिनी माता से जो जुड़ी है सर्वथा।
सुनो युग की पहली बालसती की कथा, दूर होती जिससे अज्ञान की व्यथा।। टेक.।।
च
न्दा ने नभ से देखा जो धरा पर, सोचा ये दूसरा चाँद कैंसे आया, चाँद कैंसे आया।
देखा सलोना मुखड़ा तुम्हारा, मन में भी पूनो का चाँद शरमाया, चाँद शरमाया।
धरती और नभ के चन्द्र मिलन की कथा, मोहिनी माता से जो जुड़ी है सर्वथा।।१।।
धरती के चांद ने छोटी सी उमर में, जग को अमृत का पान करवाया है, पान करवाया है।
मैना से आर्यिका ज्ञानमती बनकर, जग को ज्ञान का मार्ग बतलाया है, मार्ग बतलाया है।
गु
रुवर वीरसागर जी की शिष्या की कथा, मोहिनी माता से जो जुड़ी है सर्वथा।।२।।
प्रांत अवध के टिकैंतनगर में, मानो इक देवी का जन्म हुआ था, जन्म हुआ था।
पितु छोटेलाल ने गोद में खिलाकर अपना जन्म भी धन्य किया था, धन्य किया था।
पिता और पुत्री के वियोग की व्यथा, मोहिनी माता से जो जुड़ी है सर्वथा।।३।।
तेरह रत्नों की मां मोहिनी ने, तेरह विध चारित्र पालन किया था, पालन किया था।
मोहिनी से बनकर रत्नमति माता, ज्ञानमति चरणों में नमन किया था, नमन किया था।
तेरह रत्नों में से प्रथम रत्न की कथा, मोहिनी माता से जो जुड़ी है सर्वथा।।४।।
जिनके प्रभाव से हस्तिनापुर में, जम्बूद्वीप की रचना बनी है, रचना बनी है।
जिनके प्रभाव से ज्ञानज्योति की, भारत यात्रा पूर्ण बनी है, पूर्ण बनी है।
ज्ञानमती माता ज्ञानज्योति सर्वथा, मोहिनी माता से जिनकी बनी है कथा।।५।।
कितने ही ग्रंथों को रच करके तुमने, युग का प्रथम इतिहास बतलाया है, इतिहास बतलाया है।
गणिनी के पद पर पहुँच के तुमने, बालसतियों का मान बढ़ाया है, मान बढ़ाया है।
सुनो ज्ञानमती मां के गुणों की कथा, मोहिनी माता से जो जुड़ी है सर्वथा।।६।।
सुनते हैं पारसमणि को छूकर, मानव स्वयं पारसमणि है बनता, पारसमणि बनता।
लेकिन ज्ञानमति पारस को छूकर, मानव स्वयं पारसमणि है बनता, पारसमणि बनता।
‘चन्दनामती’ की स्वयं बीती ये कथा, मोहिनी माता से जो जुड़ी है सर्वथा।।७।।
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