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हे मात आज तुमसे, वरदान मैं ये चाहूँ!
June 16, 2020
भजन
jambudweep
हे मात आज तुमसे
तर्ज—दिन रात मेरे स्वामी मैं भावना ये भाऊँ…..
हे मात आज तुमसे, वरदान मैं ये चाहूँ। वरदान……
तुम सम निधी को पाकर, निज ज्ञान में समाऊँ।। निज ज्ञान……।। टेक.।।
वैसी भी स्थिती हो, धीरज मेरा न छूटे।
तेरा ही ध्यान धर के, सब विघ्न मैं भगाऊँ।। हे मात……।।१।।
दीनों के प्रति हो करुणा, दु:खियों के प्रति दया हो।
उपकार पर का करके, निज को सुखी बनाऊँ।। हे मात……।।२।।
निज शत्रु से कभी भी, बदला न लेना चाहूँ।
समकित की तेरी शिक्षा, मन में सदा बसाऊँ।। हे मात……।।३।।
अनमोल तव वचन माँ, जब जब सुने हैं मैंने।
इच्छा सदा रही ये, तेरे वचन निभाऊँ।। हे मात……।।४।।
पथभ्रष्ट होने से माँ, तू ही बचाने वाली।
लख ‘चंदना’ तेरा तप, तुझमें ही रमना चाहूँ।। हे मात……।।५।।
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