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वंदना के शुभ क्षणों में, मैं करूँ गुरुवंदना!
June 15, 2020
भजन
jambudweep
वंदना के शुभ क्षणों में
वंदना के शुभ क्षणों में, मैं करूँ गुरुवंदना।
ज्ञानमति गणिनी चरण में, मैं करूँ अभिवन्दना।। टेक.।।
धूल भी माँ तेरे पद की, मुझको यदि मिल जाएगी।
मन की सोई ज्ञानकलियाँ, भी तुरत खिल जाएँगी।।
फिर तो फैलेगी सुगन्धी, ज्ञान की ही चन्दना।
ज्ञानमति गणिनी चरण में, मैं करूँ अभिवन्दना।।१।।
ज्ञान औ वैराग्य में तेरी मिशाल न है कोई।
ग्रन्थ लेखन में तुम्हारे सम न माता है कोई।।
ज्ञान की रजकण मिले अज्ञान की हो वंचना।
ज्ञानमति गणिनी चरण में, मैं करूँ अभिवन्दना।।२।।
फूल जैसी काया को तप से सुगन्धित कर लिया।
आत्मा का सार मानो आत्मा में भर लिया।।
मन वचन तन से करूँ हे मात! तेरी वन्दना।
ज्ञानमति गणिनी चरण में, मैं करूँ अभिवन्दना।।३।
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