द्वादशवर्षी दुर्भिक्ष
Twelve years dearth or famine which caused the origination of the Shvetambar Jain sect. वीर निमार्ण के 133 वर्ष पश्चात् अर्थात् आज से लगभग 2400 वर्ष पूर्व पंचम श्रुतकेवली ‘भद्रबाहु’ के काल में उज्जैन आदि उत्तरभारत के क्षेत्रों में 12 वर्षीय दुर्भिक्ष (अकाल) पड़ा, जिसकी आचार्य भद्रबाहु द्वारा भविष्यवाणी सुनकर सभी दिगम्बर मुनि दक्षिण भारत चले गये। परन्तु कुछ मुनि उत्तर में रह गये, उन्हीं से इस भीषण अकाल में श्वेताम्बर मत की उत्पत्ति हुई (देखें- भद्रबाहु चारित, भावसंग्रह आदि)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]