Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
वीर प्रभू! तेरे शासन की, फिर से आज जरूरत है!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
वीर प्रभू! तेरे शासन
वीर प्रभू! तेरे शासन की, फिर से आज जरूरत है।
क्योंकि यहाँ के मानव में, दिखती दानव की सूरत है।। टेक.।।
तूने इस भारत का गौरव, दुनिया भर में फैलाया।
सत्य अिंहसा अनेकान्त का, झण्डा जग में लहराया।।
सर्वोदय सिद्धान्तों की, प्रगटे अब सच्ची मूरत है।
क्योंकि यहाँ के मानव में, दिखती दानव की सूरत है।।१।।
माँ त्रिशला पितु सिद्धारथ के, पुत्र भले तुम कहलाए।
लेकिन जन-जन के मानस में, तुम सूरज बन कर छाये।।
सिद्धशिला के वासी प्रभु, महावीर की आज जरूरत है।
क्योंकि यहाँ के मानव में, दिखती दानव की सूरत हैै।।२।।
तू कुण्डलपुर में जन्मा, लेकिन हो गया अजन्मा है।
सत्कर्मों को दिखलाकर, तू तो हो गया अकर्मा है।।
बनो ‘‘चन्दनामती’’ वीर सम, युग को यही जरूरत है।
क्योंकि यहाँ के मानव में, दिखती दानव की सूरत है।।३।।
Previous post
वीर जन्म कल्याणक!
Next post
वीरा मुक्तिपथ में मिलें, जो मुझे कांटे!
error:
Content is protected !!