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वीर जन्मभूमि सच्ची, कुण्डलपुरी ही है!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
वीर जन्मभूमि सच्ची
तर्ज—सौ साल पहले……
वीर जन्मभूमि सच्ची, कुण्डलपुरी ही है।
सदियों से थी और सदा ही रहेगी।।टेक.।।
जैनग्रन्थो, पुराणों में, सभी मुनियों ने बताया है।
तभी कुण्डलपुरी का नाम, सबके मन समाया है।।
ऋषि-मुनि-कवियों ने भी, गाई उसकी कीर्ति है।
सदियों से थी और सदा ही रहेगी।।१।।
आज कुछ स्वार्थी तत्वों ने, करी उसकी उपेक्षा है।
किन्तु अब गणिनी माता ज्ञानमति के मन में इच्छा है।।
प्राचीन नगरी अब यह, बने इक धरोहर है।
सदियों से थी और सदा ही रहेगी।।२।।
वीर के वंशजों! तुम उस, धरा को मत भुलाना अब।
तीर्थयात्रा में कुण्डलपुर, वीर के पास जाना सब।।
राजगिरि व पावापुर के, पास वही भूमी है।
सदियों से थी और सदा ही रहेगी।।३।।
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