आरंभे तु पुराणस्यान्यव्यापाराय कस्यचित्।‘‘नम: सिद्धेभ्य:’’ इत्युच्चैर्नम्रीभूतो वदेद्वच:।।
अर्थ- किसी शास्त्र के प्रारंभ में तथा अन्य किसी भी कार्य के प्रारंभ में नम्रता के साथ ‘‘ॐ नम: सिद्धेभ्य:’’ इस पद का उच्चारण करना चाहिए।