Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
मेरा नम्र प्रणाम है, महावीर के लघु नंदन को!
June 13, 2020
भजन
jambudweep
मेरा नम्र प्रणाम है
तर्ज-वन्दन शत शत बार है……….
मेरा नम्र प्रणाम है, महावीर के लघुनंदन को मेरा नम्र प्रणाम है।
कलियुग में भी जिनका दर्शन करता जग कल्याण है।
महावीर के लघुनंदन को मेरा नम्र प्रणाम है।।टेक.।।
जिनके तप की कथा सदा, ग्रन्थों में पढ़ी पुरानी है।
कवियों ने जिन मुनियों की, कविता में कही कहानी है।।
भारत की धरती ही उन, सन्तों की मानो खान है।
महावीर के लघुनंदन को मेरा नम्र प्रणाम है।।।१।।
सदी बीसवीं में गुरु शांतीसागर प्रथमाचार्य हुए।
घोर तपस्या करके युग को, कई संत मुनिराज दिये।।
तभी आज मुनियों के दर्शन ही मानो शिवधाम हैं।
महावीर के लघुनंदन को मेरा नम्र प्रणाम है।।२।।
काय में उत्तम बल नहिं है, फिर भी चर्या प्राचीन है।
वही मूलगुण वही परीषह, शास्त्रों के आधीन हैं।।
तभी ‘‘चन्दनामति’’ उन गुरु के पद में ही शिवधाम है।
महावीर के लघुनंदन को मेरा नम्र प्रणाम है।।३।।
Previous post
कहानी मुनिवर की, कहानी गुरुवर की!
Next post
दिगम्बर प्राकृतिक मुद्रा, विरागी की निशानी है!
error:
Content is protected !!