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सुनो हम कथा सुनाते हैं!
June 13, 2020
भजन
jambudweep
सुनो हम कथा
सुनो हम कथा सुनाते हैं-२, प्रथमाचार्य शांतिसागर की, गाथा गाते हैं।। सुनो…।।टेक.।।
दक्षिण भारत के भोजग्राम, में भीमगौंड पाटिल थे।
वे सत्यवती पत्नी के संग, सुखदुख में शामिल थे।।
उन्हीं का पुण्य बताते हैं, इस पुत्र को दे जन्म बड़ा वे हर्ष मनाते हैं।।सुनो..।।१।।
सन् अट्ठारह सौ बहत्तर, आषाढ़ कृष्ण षष्ठी थी।
तेजस्वी बालक को पा, माँ सत्यवती हर्षी थीं।
दान तब पिता लुटाते हैं, नाम सातगौंडा रख पुत्र का, उत्सव मनाते हैं।।सुनो..।।२।।
शैशव से बाल्य अवस्था, पाई बालक ने जैसे।
इक कन्या के संग उसका, रच दिया ब्याह बस सबने।।
दुखद इक बात बताते हैं, पत्नी की मृत्यू छह मास के ही बाद दिखाते हैं।।सुनो..।।३।।
इस बाल विवाह से उनका, संबंध न कोई रहा था।
ब्रह्मचारी रहकर उनने, दूजा न विवाह किया था।।
सातगौंडा बतलाते हैं, जिनधर्म की रक्षा के लिए वे आगे आते हैं।।सुनो..।।४।।
पितुमात के मोह के कारण, घर त्याग नहीं कर पाए।
लेकिन स्वाध्यायादिक कर, नित मन वैराग्य बढ़ाए।।
धर्म का पथ अपनाते हैं, वे ‘‘चंदनामति’’ माता-पिता का मन न दुखाते हैं।।सुनो..।।५।।
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