
सम्यक्चारित्र त्रयोदशविध, ये परमानंद प्रदाता हैं।
गंगानदि को जल लाय, कंचन भृंग भरूँ। 
मलयागिरि चंदन गंध, घिस कर्पूर मिला। 


सित कुमुद नील अरविंद, लाल कमल प्यारे। 
पूरणपोली पयसार, पायस मालपुआ। 




एला केला फलसार, जंबू निंबु हरे।


जय जय तीर्थंकर क्षेमंकर, प्रभु धर्मचक्र के कर्ता हो।