निर्वाणपद –आठों कर्मों का नाश करके जो अविनश्वर पद की प्राप्ति होती है , उसे निर्वाणपद कहते हैं ।इस पद के बाद संसार में पुनः जन्म नहीं लेना पड़ता है ।