माँ ! पहले आँसू आते थे, और तू याद आती थी।
ऊपर जिसका अंत नहीं, उसे आसमां कहते हैं जहाँ में जिसका अंत नहीं,
डेढ़ किलो दूधी, डेढ़ घंटे तक उठाने से, तेरे हाथ दुख जाते हैं। 
पेट में पाँच बेटे जिसको भारी नहीं लगे थे,


इस दुनिया को माँ की महिमा सबको आज सुनानी है माँ और बेटे के रिश्ते की ये तो अमर कहानी है 