प्रश्न – यज्ञोपवीत तो ब्राह्मणों के लिए है, यह जैन का चिन्ह नहीं है ?
उत्तर – ऐसा नहीं है, क्योंकि जैन ग्रंथों के अनुसार आठ वर्ष की उम्र में यज्ञोपवीत संस्कार होना ही चाहिए। बिना यज्ञोपवीत धारण किए पूजन व दान करने का विधान नहीं है। यह रत्नत्रय का सूचक है और जैनियों का-श्रावकों का चिन्ह है।