निषध पर्वत का विस्तार सोलह हजार आठ सौ बयालीस योजन और दो कला तथा सूची उन्नीस से भाजित छह लाख तीस हजार योजन प्रमाण है।।१७५०।। १६८४२ । ६३०००००/१९। निषध पर्वत के ऊपर सिद्ध, निषध, हरिवर्ष, विदेह, हरि, विजय, सीतोदा, अपरविदेह और रुचक, ये नौ कूट स्थित हैं।।१७५८।। इन कूटों की ऊँचाई आदि सब हिमवान् पर्वत के कूटों से चौगुणी है। विशेषता केवल यह है कि कूटों पर स्थित ये जिनपुर हिमवान् पर्वत सम्बन्धी जिनपुरों के सदृश हैं।।१७५९।। जिस नाम के धारक ये कूट हैं, उसी नाम के धारक व्यन्तरदेव उन कूटों पर निवास करते हैं। ये देव बहुत परिवारों से युक्त, एक पल्य प्रमाण आयु वाले और दश धनुष उँचे हैं।।१७६०।।