== यह सुमेरु पर्वत मूल में एक हजार प्रमाण वङ्कामय, पृथ्वीतल से इकसठ हजार योजन प्रमाण उत्तम रत्नमय, आगे अड़तीस हजार योजन प्रमाण सुवर्णमय है एवं ऊपर की चूलिका नीलमणि से बनी हुई है।