माल्यवान् पर्वत के ऊपर नौ कूट स्थित हैं। सिद्ध नामक, माल्यवान्, उत्तरकुरु, कच्छ, सागर, रजत नामक, पूर्णभद्र, सीता और हरिसह, ये इन कूटों के नाम हैं। इनका विस्तार व उँचाई आदिक विद्युत्प्रभपर्वत के कूटों के सदृश समझना चाहिये।।२०६०-२०६१।। विशेषता केवल यह है कि सागर कूट पर भोगवती और रजतकूट पर भोगमालिनी नामक देवी निवास करती है।।२०६२।। मन्दर पर्वत से आधा योजन आगे जाकर इस पर्वत के ऊपर पर्वतीय विस्तार के सदृश लंबी गुफा कही जाती है।।२०६३।। उसके दोनों पाश्र्वभागों में अपने योग्य उदय व विस्तार से सहित तथा प्रकाशमान उत्तम रत्नकिरणों से संयुक्त वे अकृत्रिम एवं अनुपम द्वार हैं३।।२०६४।।