१. तीर्थंकर चौबीस होते हैं वर्तमान चौबीसी मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव से लेकर अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर हुए है जिसमे छठवें तीर्थंकर भगवान पद्मप्रभु है जिनका चिन्ह कमल है |
प्रत्येक तीर्थंकर के जन्म के पश्चात जब सौधर्म इन्द्र प्रभु के जन्माभिषेक के लिए उन्हें सुमेरु पर्वत की पांडुक शिला पार ले जाते है उस समय जन्माभिषेक करने के पश्चात् जब उनका नामकरण करते है उसी समय उनका चिन्ह भी निर्धारित करते है |प्रत्येक तीर्थंकर की पहचान के लिए उनके अलग- अलग चिन्ह बताये गये है |
२. अनेकानेक फूलों में भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है |
३. राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का चिन्ह कमल का फूल है | इसके अतिरिक्त चूंकि कमल तालाब मे रहते हुए भी जल से अलग रहता है तथा कीचड़ में रहकर भी अपनी सुन्दरता से सभी को मोहित करता है फलत: शास्त्रों में उस कमल फूल को लेकर अनेकों उदाहरण आते हैं जैसे – जल तें भिन्न कमल के समान भरत जी घर में वैरागी थे इत्यादि |
४. लोक की रचना में प्रत्येक बावड़ी मे अनेकों कमलाकार द्वीप स्थित है : जिन्हें कमल कहा गया है | इन पर देवियों व उनके परिवार के देव निवास करते हैं, ये कमल वनस्पतिकायिक नहीं बल्कि पृथ्वीकायिक हैं |