
| जन्म भूमि | कौशाम्बी (जिला-कौशाम्बी) उत्तर प्रदेश | प्रथम आहार | वर्द्धमान नगर के राजा सोमदत्त द्वारा (खीर) |
| पिता | महाराजा धरणराज | केवलज्ञान | चैत्र शु..१५ |
| माता | महारानी सुसीमा | मोक्ष | फाल्गुन कृ.४ |
| वर्ण | क्षत्रिय | मोक्षस्थल | सम्मेद शिखर पर्वत |
| वंश | इक्ष्वाकु | समवसरण में गणधर | श्री वज्रचामर आदि ११० |
| देहवर्ण | पद्मरागमणि सदृश | मुनि | तीन लाख तीस हजार (३३००००) |
| चिन्ह | लाल कमल | गणिनी | आर्यिका रतिषेणा |
| आयु | तीस (३०) लाख पूर्व वर्ष | आर्यिका | चार लाख तीस हजार (४३००००) |
| अवगाहना | एक हजार (१०००)हाथ | श्रावक | तीन लाख (३०००००) |
| गर्भ | माघ कृ.६ | श्राविका | पांच लाख (५०००००) |
| जन्म | कार्तिक कृ. १३ | जिनशासन यक्ष | कुसुमदेव |
| तप | कार्तिक कृ.१३ | यक्षी | मनोवेगा देवी |
| दीक्षा -केवलज्ञान वन एवं वृक्ष | मनोहर वन (प्रभाषगिरि) एवं प्रियंगुवृक्ष |
