जन्म भूमि | कुंडलपुर-जिला नालन्दा (बिहार) | प्रथम आहार | कूल ग्राम के राजा वकुल द्वारा (खीर) |
पिता | महाराजा सिद्धार्थ | केवलज्ञान | वैशाख शु. १० (ऋजुकूला नदी के तट पर) |
माता | महारानी प्रियकारिणी (त्रिशला) | मोक्ष | कार्तिक कृ. अमावस्या |
वर्ण | क्षत्रिय | मोक्षस्थल | पावापुरी |
वंश | नाथवंश | समवसरण में गणधर | श्री इन्द्रभूति आदि ११ |
देहवर्ण | तप्त स्वर्ण सदृश | मुनि | चौदह हजार (१४०००) |
चिन्ह | सिह | गणिनी | आर्यिका चन्दना |
आयु | बहत्तर (७२) वर्ष | आर्यिका | छत्तीस हजार (३६०००) |
अवगाहना | सात (७) हाथ (अरत्नि) | श्रावक | एक लाख (१०००००) |
गर्भ | आषाढ़ शु. ६ | श्राविका | तीन लाख (३०००००) |
जन्म | चैत्र शु. १३ | जिनशासन यक्ष | मातंग देव (गुह्यकदेव) |
तप | मगसिर कृ. १० | यक्षी | सिद्धायिनी देवी |
दीक्षा -केवलज्ञान वन एवं वृक्ष | षण्डवन (मनोहरवन) एवं साल वृक्ष |