जिस कर्म के उदय से बड़े सींग, अथवा मोटा पेट इत्यादि अपने ही घातक अंग हो । उसे उपघात नाम कर्म कहते हैं । जैसे – बारहसिंघा के सीग आदि ।
जो कर्म अवयवों को जीव की पीड़ा का कारण बना देता है अथवा विष, भृंग, खड़् पाश आदि जीव पीड़ा के कारण स्वरूप द्रव्यों को जीव के लिए ढोता है अर्थात् लाकर सयुक्त करता है वह उपघात नामकर्म कहलाता है ।